भारत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने बहुत तेजी से अपनी पहचान बनाई है। यह पेमेंट का सबसे सुविधाजनक और लोकप्रिय तरीका बन गया है,
नई दिल्ली: भारत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने बहुत तेजी से अपनी पहचान बनाई है। यह पेमेंट का सबसे सुविधाजनक और लोकप्रिय तरीका बन गया है, जिसे देश के हर कोने में लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अब कई अन्य देश भी इस सिस्टम को अपना रहे हैं। हर महीने UPI ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे कैश का इस्तेमाल काफी कम हो गया है।
हाल ही में हुए एक सर्वे से चौंकाने वाली बात सामने आई है। अगर UPI ट्रांजेक्शन पर फीस लगाई जाती है तो 75% लोग इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे। लोकल सर्कल्स (LocalCircles) की रिपोर्ट के मुताबिक, लोग UPI ट्रांजेक्शन पर किसी भी तरह की फीस बर्दाश्त नहीं करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ 22% लोग ही UPI पर फीस चुकाने को तैयार हैं, जबकि बाकी इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।
सर्वे में 42,000 लोगों से सवाल पूछे गए, जिसमें 37% लोगों ने कहा कि वह अपने खर्च का 50% से ज्यादा UPI के जरिए कर रहे हैं। डिजिटल पेमेंट्स के लिए क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल भी कम हो गया है। इससे साफ है कि लोग तेजी से कैशलेस हो रहे हैं, लेकिन UPI पर किसी भी तरह की फीस उन्हें फिर से कैश की तरफ मोड़ सकती है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में UPI ट्रांजेक्शन में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले साल की तुलना में इस साल ट्रांजेक्शन की संख्या में 57% और लेनदेन की रकम में 44% की वृद्धि हुई है। पहली बार UPI ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 131 अरब से ऊपर पहुंच गया है, जो पिछले साल 84 अरब था।
यह सर्वे 15 जुलाई से 20 सितंबर के बीच ऑनलाइन किया गया था। लोकल सर्कल्स ने कहा है कि वह इस सर्वे की रिपोर्ट वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को भी भेजेगी। सर्वे में सामने आया कि UPI हर 10 में से 4 लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है, और लोग किसी भी तरह की फीस का विरोध कर रहे हैं।
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