September 17, 2024
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भारत और GCC के रिश्ते इकोनॉमी के लिए क्यों हैं बेहद महत्वपूर्ण?

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : September 9, 2024, 5:41 pm IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर वर्तमान में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हैं, जहां वे गल्फ कॉपरेशन काउंसिल (GCC) की बैठक में शामिल हो रहे हैं। इस दौरे के दौरान, जयशंकर जीसीसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। सऊदी अरब में लगभग 8.9 मिलियन भारतीय रहते हैं, और भारत तथा जीसीसी देशों के बीच राजनीति, ऊर्जा, और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं।

गल्फ कॉपरेशन काउंसिल (GCC) क्या है

जीसीसी, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, कुवैत, ओमान, और बहरीन द्वारा गठित एक क्षेत्रीय संगठन है। इसका गठन 1981 में हुआ था और इसका मुख्यालय रियाद, सऊदी अरब में स्थित है। जीसीसी का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच इंटीग्रेशन, कोऑर्डिनेशन, और सहयोग को बढ़ावा देना है, साथ ही एग्रीकल्चर सेक्टर में वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों को शामिल करना है।

भारत और जीसीसी के बीच आर्थिक संबंध

GCC भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में शामिल है। वित्त वर्ष 2022-23 में, भारत के कुल व्यापार का 15.8% हिस्सा जीसीसी देशों के साथ था। 2023-24 में, भारत और जीसीसी के बीच व्यापार 161.59 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो 2020-21 में 87.35 बिलियन डॉलर था।

जीसीसी के सदस्य देश जैसे कि यूएई और सऊदी अरब भारत के प्रमुख व्यापारिक भागीदार हैं। यूएई ने भारत में 15.3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जबकि सऊदी अरब और कतर ने क्रमश: 3.2 बिलियन डॉलर और 1.5 बिलियन डॉलर का योगदान किया है।

भारत के लिए जीसीसी के महत्व के तीन प्रमुख कारण

1. मुक्त व्यापार समझौता

साल 2022 में, भारत और जीसीसी के बीच मुक्त व्यापार समझौते का प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन सदस्य देशों के बीच मतभेद के कारण यह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। अगर यह समझौता कार्यान्वित होता है, तो यह द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

2. ऊर्जा सहयोग

जीसीसी देशों, विशेषकर सऊदी अरब, यूएई, और कतर, ने भारत को बड़े पैमाने पर कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की है। कतर और भारत के बीच हाल ही में हुए 78 बिलियन डॉलर के करार के तहत, कतर अगले 20 साल तक भारत को गैस का निर्यात करेगा। यह ऊर्जा सहयोग भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कच्चे तेल की आपूर्ति में जीसीसी देशों की बड़ी भूमिका है।

3. सुरक्षा सहयोग

हाल के वर्षों में, भारत-जीसीसी संबंधों ने केवल ऊर्जा और व्यापार को ही नहीं, बल्कि राजनीतिक और सुरक्षा आयामों को भी शामिल किया है। भारत और जीसीसी देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत हो रही है, जिसमें सामुदायिक रक्षा सहयोग और द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास शामिल हैं। यूएई भारत का एक महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार बन गया है, और जीसीसी के सदस्य देशों की सुरक्षा भूमिका क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण है।

भारत-जीसीसी संबंध केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका राजनीतिक, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक महत्व है। इन संबंधों को और मजबूत करने से न केवल द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा में भी योगदान मिलेगा।

 

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