नई दिल्ली: अक्सर ऐसा लगता है कि नौकरी करते समय कर्मचारी सबसे ज्यादा महत्व सैलरी को देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 10 में से 8 कर्मचारी सैलरी से ज्यादा इस बात को महत्व देते हैं कि उनका काम करने का तरीका […]
नई दिल्ली: अक्सर ऐसा लगता है कि नौकरी करते समय कर्मचारी सबसे ज्यादा महत्व सैलरी को देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 10 में से 8 कर्मचारी सैलरी से ज्यादा इस बात को महत्व देते हैं कि उनका काम करने का तरीका कैसा है, यानी उनके काम में किस तरह के कौशल का इस्तेमाल हो रहा है। जिन कंपनियों में कर्मचारियों के कौशल को ज्यादा महत्व दिया जाता है, वहां कर्मचारियों के टिके रहने की संभावना ज्यादा होती है। EY और iMocha की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
EY की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सर्वे में यह बात सामने आई है कि 63 फीसदी HR ने पाया कि टैलेंट को महत्व देने से कर्मचारियों पर सकारात्मक असर पड़ा है। वहीं, Skills First Transformation (SFT) जैसे कार्यक्रमों का कर्मचारियों पर काफी सकारात्मक असर पड़ा है। यह रिपोर्ट कुल 1775 कंपनियों के 240 HR लीडर्स और 340 कर्मचारियों से बात करके तैयार की गई है। सर्वे में अमेरिका, भारत, यूके, यूरोप और खाड़ी देशों के कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कई बार पारंपरिक तरीकों से कार्यबल में बदलाव के कारण कौशल को ज्यादा प्राथमिकता नहीं दी जाती है। ऐसे में इसका असर कंपनी के कामकाज पर पड़ता है, लेकिन अगर कंपनी कर्मचारियों के कौशल को प्राथमिकता देती है तो ऐसी स्थिति में कंपनी को बेहतर प्रबंधन में मदद मिलती है। साथ ही कंपनी के 5 गुना बेहतर नतीजे आने की संभावना रहती है।
इस सर्वे से यह भी पता चलता है कि कंपनियों को नए लोगों की भर्ती करते समय कौशल पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इससे कंपनियों को अपनी वास्तविक लागत को समझकर बेहतर लोगों को नियुक्त करने में मदद मिलेगी। साथ ही कंपनियों को अपने कौशल अंतर को भरने में भी मदद मिलेगी।
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