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Unified Pension Scheme: आज से हुआ पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव, UPS या NPS में से सिर्फ एक ही चुन पाएंगे, जानिए कौन बेहतर

1 अप्रैल 2025 से भारत में पेंशन सिस्टम में एक बड़ा बदलाव लागू हो गया है. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने मार्च में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को अधिसूचित किया थाऔर अब यह योजना औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है. यह स्कीम खास तौर पर उन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बनाई गई है जो रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित और सुरक्षित आय की चाह रखते हैं.

Unified Pension Scheme
inkhbar News
  • April 1, 2025 7:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

Unified Pension Scheme: 1 अप्रैल 2025 से भारत में पेंशन सिस्टम में एक बड़ा बदलाव लागू हो गया है. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने मार्च में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को अधिसूचित किया थाऔर अब यह योजना औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है. यह स्कीम खास तौर पर उन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बनाई गई है जो रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित और सुरक्षित आय की चाह रखते हैं. जो कर्मचारी पहले से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत रजिस्टर्ड हैं. उनके पास अब UPS या NPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प है.

UPS का ऐलान और उसकी शुरुआत

केंद्र सरकार ने 24 जनवरी 2025 को UPS को NPS के एक विकल्प के रूप में घोषित किया था. यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गई है और NPS के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. कर्मचारी अब अपनी जरूरत के हिसाब से UPS या NPS में से किसी एक को चुन सकते हैं. हालांकि UPS चुनने वाले कर्मचारी किसी अन्य नीतिगत छूट या अतिरिक्त वित्तीय लाभ के हकदार नहीं होंगे. इस योजना से करीब 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होने की उम्मीद है.

UPS को समझें, क्या है खास?

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन की गारंटी देती है.

निश्चित पेंशन: 25 साल या उससे अधिक सेवा करने वाले कर्मचारियों को उनकी रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन मिलेगी.

फैमिली पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिवार को उनकी पेंशन का 60% मिलेगा.

न्यूनतम पेंशन: 10 साल की सेवा वाले कर्मचारियों को कम से कम 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी.

महंगाई समायोजन: पेंशन में ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) के आधार पर महंगाई राहत (DA) जोड़ा जाएगा.

एकमुश्त राशि: रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को एकमुश्त रकम भी दी जाएगी.

सरकारी और कर्मचारी योगदान

NPS में योगदान: कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 10% और सरकार 14% योगदान देती थी.

UPS में बदलाव: अब सरकार का योगदान बढ़कर 18.5% हो गया है. जबकि कर्मचारी का योगदान 10% ही रहेगा. इस बढ़ोतरी से पहले साल में सरकारी खजाने पर 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

NPS क्या है?

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) 2004 में शुरू हुई थी. जब सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बंद कर दिया था. यह एक बाजार आधारित योजना है. जिसमें- पेंशन की राशि निवेश के रिटर्न पर निर्भर करती है. यह पोर्टेबल है यानी इसे देश में कहीं से भी संचालित किया जा सकता है. 2009 से यह निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी खुला है. रिटायरमेंट पर 60% राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है बाकी 40% से नियमित पेंशन मिलती है.

कौन सा बेहतर?

UPS चुनें अगर: आप रिटायरमेंट के बाद निश्चित आय और जोखिम से मुक्ति चाहते हैं. यह उन कर्मचारियों के लिए बेहतर है जो लंबी सेवा (25+ साल) दे रहे हैं और स्थिरता को प्राथमिकता देते हैं. महंगाई समायोजन और फैमिली पेंशन इसे और आकर्षक बनाते हैं.

NPS चुनें अगर: आप युवा हैं बाजार जोखिम ले सकते हैं और संभावित रूप से अधिक रिटर्न की उम्मीद करते हैं. यह योजना लचीलापन और पोर्टेबिलिटी प्रदान करती है, जो निजी क्षेत्र में जाने की सोच रहे कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है.

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