Unemployement and GDP Data relased: केंद्रीय सांख्यिकी कार्रयालय ने देश की अर्थवयवस्था और बेरोजगारी दर के आंकड़े जार कर दिए हैं. वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश की जीडीपी में कमी आई है और गिरकर 5.8 फीसद पर पहुंच गई है. इसके अलावा बेरोजगारी दर भी पिछले 45 सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं.
नई दिल्ली: केंद्रीय सांख्यिकी कार्रयालय की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी यानी कि सकल घरेलु उत्पाद की दर पिछले पांच साल में सबसे निचले स्तर पर आ गई है. इसके अलावा पिछले 45 सालों में बेरोजगारी दर भी अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है. वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है. ताजा जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से मार्च तिमाही में देश की जीडीपी 5.8 फीसद की दर से बढ़ा है. शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी विकास दर 6.8 फीसद रही जबकि 2017-18 में यह आंकड़ा 7.2 फीसद था.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्रयालय ने जीडीपी और बेरोजगारी से संबंधित आंकड़े जारी किए हैं, जो केंद्र की मोदी सरकार को निराश कर सकते हैं. मिन्सट्री ऑफ लेबर के और से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर (2017-18) भी 6.1 फीसद पहुंच चुकी है. देश में पिछले 45 सालों (1972-73) के बाद बेरोजगारी का यह आंकड़ा सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका है. आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 5.3 फीसद और शहरी क्षेत्रों में 7.8 फीसद है. वहीं पूरे भारत में पुरुषों में बेरोजगारी की दर 6.2 फीसद और महिलाओं की 5.7 फीसद है. आपको बता दें कि जनवरी में एक रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसमें यही आंकड़ा था, लेकिन तब सरकार ने यह कहा था कि यब फाइनल आंकड़ा नहीं है.
आपको बता दें कि भारत ने पिछले डेढ़ साल में पहली बार सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का रुतबा भी खो दिया है. भारत से अब चीन आगे बढ़ गया है. चीन की अर्थव्यवस्था मार्च तिमाही में 6.4 प्रतिशत बढ़ गई है. इन आंकड़ों के मुताबिक कहा जा सकता है कि 31 मार्च के आखिर में राजकोषीय घाटा 6.45 लाख करोड़ रहा है, वहीं बजट में इस घाटे का अनुमान 6.34 लाख करोड़ रखा गया था.