भारत सरकार चाइनीज कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने लगभग
Ministry of Corporate Affairs: भारत सरकार चाइनीज कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने लगभग 400 चीनी कंपनियों की जांच शुरू की है, जिन पर ऑनलाइन जॉब और लोन से जुड़े फ्रॉड में शामिल होने का आरोप है। इन कंपनियों ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश सहित 17 राज्यों में लोगों को फाइनेंशियल फ्रॉड का शिकार बनाया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने मोबाइल स्क्रीन और बैटरी बनाने वाली लगभग 40 चीनी कंपनियों के खिलाफ भी जांच शुरू की है। कुल 600 चाइनीज कंपनियों में से 300-400 कंपनियों का कामकाज संदिग्ध पाया गया है। इनमें लोन एप और ऑनलाइन जॉब ऑफर करने वाली कंपनियां भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि डिजिटल लोन देने वाली कंपनियां तेजी से बढ़ रही हैं और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रही हैं। इस वजह से कई ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं और इन कंपनियों की ब्याज दरें भी काफी ऊंची हैं।
कई कंपनियों के डायरेक्टर भारतीय हैं, लेकिन उनके बैंक अकाउंट चीनी हैं और ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। कई मामलों में कंपनियों का पता भी गलत निकला है, जिससे फाइनेंशियल फ्रॉड करना आसान हो जाता है।
कंपनी एक्ट के अनुसार, इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई तीन महीने के अंदर की जा सकती है। सरकार इन कंपनियों की जांच और उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर गंभीर है।
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