आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी दी है कि एआई आधारित इस सिस्टम को आरबीआई की सहायक इकाई रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) ने तैयार किया है.
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल धोखाधड़ी और म्यूल खातों की समस्या को खत्म करने के लिए MuleHunter.ai नाम का एक एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल पेश किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी दी है कि एआई आधारित इस सिस्टम को आरबीआई की सहायक इकाई रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) ने तैयार किया है. यह मॉडल बैंकों को खच्चर खातों की पहचान करने और उनके संचालन को नियंत्रित करने में मदद करेगा, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।
आरबीआई के अनुसार, म्यूल खाता जिसे ‘खच्चर’ बैंक खाता भी कहा जाता है, एक बैंक खाता है जिसका उपयोग अपराधियों द्वारा अवैध धन ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है. ये खाते अक्सर निर्दोष व्यक्तियों के नाम पर खोले जाते हैं, जिनसे धोखाधड़ी की जाती है या जबरन पैसे का इस्तेमाल किया जाता है. इन खातों का उपयोग तेजी से पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है, जिससे बैंकों के लिए पैसे का पता लगाना और उसे रिकवर्ड करना मुश्किल हो जाता है.
AI टूल ऐसे रोकेगा बैंक फ्रॉड
1. Mule Accounts की पहचान- MuleHunter.ai लेन-देन और खाता-संबंधित डेटा का विश्लेषण करके अवैध गतिविधियों में उपयोग किए जाने वाले Mule खातों की सटीक और क्विक पहचान कर सकता है.
2. मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का यूज- यह AI टूल उन्नत एमएल एल्गोरिदम के माध्यम से डेटा का विश्लेषण करता है, जो पुराने नियम-आधारित सिस्टम से बेहतर है.
3. एंटी-फ्रॉड कपाबिलिटी में सुधार- यह नई सिस्टम बैंकों को मूल खातों का पता लगाने और उनके ऑपरेशन को कंट्रोल करने में सक्षम बनाएगी, जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
4. पायलट प्रोजेक्ट के शानदार रिजल्ट- सार्वजनिक क्षेत्र के दो बड़े बैंकों द्वारा इसका पायलट परीक्षण किया जा चुका है, जहां बेहतरीन परिणाम देखने को मिले हैं.
5. बैंकिंग सिस्टम होगा और ज्यादा सेफ- आरबीआई सभी बैंकों को इस टूल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, ताकि पूरे बैंकिंग सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।
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