नई दिल्ली. भारत में बोतलबंद पानी का दूसरा नाम बिसलेरी बन चुका है, हर कोई जब बोतल वाले पानी की बात करता है तो सबसे पहले उसके मुँह से बिसलेरी ही निकलता है और यही वजह है कि बिसलेरी के नाम से मिलती-जुलती कई सारी कंपनियां मार्केट में आ गई है. वहीं, अब खबर है कि बिसलेरी बिकने वाला है. दरअसल, टाटा समूह (Tata Group) ने रमेश चौहान के नेतृत्व वाली भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी बिसलेरी इंटरनेशनल में हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश कर दी है. अब मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी के तीन अधिकारियों ने इस डेवलपमेंट के बारे में जानकारी दी है. उनमें से एक ने बताया कि टाटा समूह ने हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए बिसलेरी को प्रस्ताव दिया है और अगर ये डील सील हो गई तो टाटा ग्रुप को एंट्री-लेवल, मिड-सेगमेंट और प्रीमियम पैकेज्ड वॉटर कैटेगरी में अपनी पैठ बनाने का मौका मिल जाएगा.
ये डील टाटा ग्रुप को रिटेल स्टोर्स, केमिस्ट चैनल्स, इंस्टीट्यूशनल चैनल्स, होटल सहित रेडी गो-टू-मार्केट नेटवर्क देगा, इस समय टाटा ग्रुप का टाटा कंज्यूमर बिसलेरी के अधिग्रहण के मौके तलाश कर रहा है. टाटा ग्रुप का टाटा कंज्यूमर बिजनेस स्टारबक्स कैफे ऑपरेट करने के अलावा टेटली चाय, Eight O’ Clock coffee, सोलफुल सिरियल्स, नमक और दालें भी बेचता है, वहीं NourishCo के तहत टाटा कंज्यूमर का अपना बोतलबंद पानी का कारोबार भी है, लेकिन इसकी मार्किट में उतनी पकड़ नहीं है जितनी बिसलेरी की है, इसलिए टाटा ग्रुप ने बिसलेरी के अधिग्रहण का प्रस्ताव पेश किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिसलेरी के 122 से अधिक ऑपरेशनल प्लांट हैं. पूरे भारत में 5,000 ट्रकों के साथ 4,500 से ज्यादा तो इसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क है. देश में पैकेज्ड वाटर का मार्केट 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है, जिसमें से 60 फीसदी हिस्सा असंगठित है. बिस्लेरी की संगठित बाजार में हिस्सेदारी करीब 32 फीसदी है और मिनरल वाटर के अलावा बिसलेरी इंटरनेशनल प्रीमियम हिमालयन स्प्रिंग वॉटर भी बेचता है.
बिसलेरी के अध्यक्ष रमेश चौहान ने साल 1993 में थम्स अप, लिम्का और गोल्ड स्पॉट जैसे प्रतिष्ठित शीतल पेय ब्रांड्स को कोका-कोला कंपनी को लगभग 60 मिलियन डॉलर में बेच दिया था. तब से लेकर अब तक थम्स अप सबसे ज्यादा बिकने वाला शीतल पेय ब्रांड बना हुआ है. खबरों की मानें, तो बिसलेरी के मालिक रमेश चौहान की प्लानिंग कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करने की है, हालांकि, अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. मालूम हो, चौहान पहले ही कर चुके हैं कि अगर वह बिसलेरी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला करते हैं, तो वो किसी भारतीय को ही इस ब्रांड को आगे बढ़ाने के लिए चुनेंगे, और ऐसे में अगर देखा जाए तो टाटा से अच्छा ब्रांड उन्हें इसके लिए नहीं मिल सकता.
शुरुआत में बिसलेरी एक फार्मास्युटिकल कंपनी थी जो पानी नहीं बल्कि मलेरिया की दवाई बेचती थी और इसके संस्थापक इटली के बिजनेसमैन Felice Bisleri थे. उनकी मौत के बाद उनके फैमिली डॉक्टर रॉसी ने बिसलेरी को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाई थी, वहीं भारत में डॉक्टर रॉसी ने वकील खुशरू संतकू के साथ मिलकर बिसलेरी कंपनी को लांच कर दिया, उस समय बोतल बंद पानी बेचने की बात करना किसी पागलपन से कम नहीं था क्योंकि तब लोगों को आसानी से पानी मिल जाता था और लोगों को ये नहीं पता था कि आगे बोतल बंद पानी खरीदना पड़ जाएगा, लेकिन रॉसी भविष्य को भांप गए थे. साल 1965 में उन्होंने मुंबई के ठाणे में पहला ‘बिसलेरी वॉटर प्लांट’ स्थापित किया.
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