नई दिल्ली: अब किचन में खाने का स्वाद दोगुना हो जाएगा. महंगाई खासकर खाने-पीने की चीजों की आसमान छूती कीमतों से परेशान आम लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है. करीब एक साल तक परेशान करने के बाद दालों की कीमतों में नरमी आनी शुरू हो गई है. आने वाले महीनों में कीमतें और कम होने की उम्मीद है. पिछले एक महीने से देश के विभिन्न बाजारों में दालों की कीमतों में गिरावट जारी है. चना, अरहर यानी अरहर और उड़द जैसी दालों की कीमतों में नरमी आ रही है. यह आम लोगों के लिए बड़ी राहत की बात है, क्योंकि पिछले एक साल से ज्यादा समय से दालों की कीमतें बढ़ रही थीं. जनवरी में दालों की खुदरा महंगाई दर 19.54 % थी, जो जून में घटकर 16.07% हो गई है.
उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को अरहर दाल की खुदरा कीमतें 160 रुपये प्रति किलो पर आ गईं. यह एक महीने पहले की तुलना में 5.8 % की कमी है. इसी तरह मसूर दाल एक महीने पहले के मुकाबले 10% सस्ती होकर शनिवार को 90 रुपये प्रति किलो पर आ गई. अधिकारियों का कहना है कि पिछले एक महीने के दौरान प्रमुख मंडियों में चना, अरहर और उड़द दाल की कीमतों में 4 % की गिरावट आई है. कीमतों में इस नरमी का मुख्य कारण सरकारी प्रयासों से आयात में बढ़ोतरी है. दालों की कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने तुअर, उड़द और मसूर दाल के शुल्क मुक्त आयात को 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है. इससे दालों का आयात बढ़ रहा है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 4.73 करोड़ टन दालों का आयात किया था, जो वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले 90 % ज्यादा है.
सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण के लिए जमाखोरी के खिलाफ भी सख्त रुख अपनाया है. अरहर और चना दाल पर 30 सितंबर तक स्टॉक लिमिट लगा दी गई है. इससे उपलब्धता बेहतर करने में भी मदद मिल रही है. दूसरी ओर, बेहतर बारिश के कारण दालों की बुआई बढ़ रही है. 2 अगस्त तक 11.06 मिलियन हेक्टेयर में दालें बोई गईं, जो एक साल पहले से करीब 11 % ज्यादा है.
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