नई दिल्ली: दिवाली के बाद मुहूर्त ट्रेडिंग के समय भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली, जिससे निवेशकों के चेहरे खिल उठे। हाल ही में अक्टूबर में जारी गिरावट के चलते निवेशकों को बाजार से ज्यादा उम्मीद नहीं थी, लेकिन दिवाली के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बढ़त के साथ ट्रेडिंग शुरू हुई। मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स 435 अंकों की तेजी के साथ 79,823 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 111 अंक ऊपर चढ़कर 24,316 पर ट्रेड कर रहा था।
बता दें एक घंटे की इस विशेष ट्रेडिंग सेशन के अंत में सेंसेक्स 335 अंकों की उछाल के साथ 79,724 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 94 अंकों की बढ़त के साथ 24,299 पर बंद हुआ। इस तेजी के चलते बीएसई का मार्केट कैप लगभग 4 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया, जिससे निवेशकों को इस एक घंटे में भारी मुनाफा हुआ। वहीं बाजार खुलते ही निफ्टी-50 के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, NTPC, BEL और आयशर मोटर्स ने बढ़त हासिल की, जो शुरुआती टॉप गेनर्स में शामिल हुए। दूसरी ओर अडानी ग्रुप के शेयरों में मिलाजुला रुख रहा, जहां अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में बिकवाली दिखी, वहीं अडानी पावर और अडानी एनर्जी के शेयर बढ़त पर रहे। इसी तरह, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी हल्की तेजी के साथ ट्रेड हो रहे थे।
मुहूर्त ट्रेडिंग दिवाली के खास मौके पर भारतीय शेयर बाजार में की जाने वाली ट्रेडिंग होती है। भारत में दिवाली को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में देखा जाता है और इस दौरान निवेशक इसे समृद्धि का प्रतीक मानते हुए ट्रेडिंग करते हैं। इसका महत्व प्रतीकात्मक होने के बावजूद निवेशक इस सेशन का उपयोग अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए करते हैं और इसे भविष्य की सफलता का प्रतीक मानते हैं।
बीते साल में निफ्टी ने करीब 25% और सेंसेक्स ने लगभग 23% रिटर्न दिया है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने भी शानदार प्रदर्शन किया है, जिसने 47% तक का रिटर्न दिया है। अगर पिछले 17 सालों के मुहूर्त ट्रेडिंग के इतिहास पर नज़र डालें तो बीएसई सेंसेक्स में 13 बार तेजी देखी गई है। सबसे बड़ी बढ़त 2008 में देखने को मिली थी, जब सेंसेक्स 5.86% बढ़कर 9,008 पर बंद हुआ था।
ये भी पढ़ें: दिवाली पर अरबपतियों का निकला दिवाला, अंबानी-अडानी की घटी दौलत, मां लक्ष्मी गई रूठ