नई दिल्ली : हर एक चीज़ की अपनी उम्र होती है. कई बार ट्रेंड और पसंद के साथ-साथ कंपनीयां अपने डिज़ाइन में बड़े बदलाव करती हैं. कंपनी के छोटे छोटे बदलाव बड़ा असर बना सकते हैं क्योंकि कई बार कुछ ब्रांड हमारे जीवन का भी हिस्सा होते हैं. कई बार ये बदलाव कंपनी की छवि […]
नई दिल्ली : हर एक चीज़ की अपनी उम्र होती है. कई बार ट्रेंड और पसंद के साथ-साथ कंपनीयां अपने डिज़ाइन में बड़े बदलाव करती हैं. कंपनी के छोटे छोटे बदलाव बड़ा असर बना सकते हैं क्योंकि कई बार कुछ ब्रांड हमारे जीवन का भी हिस्सा होते हैं. कई बार ये बदलाव कंपनी की छवि को ही पूरी तरह से बदल देते हैं. अब ऐसे ही एक कंपनी की छवि बदलने जा रही है जो और कोई नहीं कोल्ड ड्रिंक ब्रांड स्प्राइट (Sprite) है.
जब आप स्प्राइट का नाम सुनते होंगे तो सबसे पहले आपके दिमाग में भी एक हरे रंग की बोतल आती होगी. लेकिन अब कंपनी इस रंग को बदलने वाली है. ऐसा कहना है कोका कोला (Coca Cola) कंपनी का जो कहती है कि जल्द ही स्प्राइट की बोतल हरे रंग से सफेद या ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक में बदली जाएगी।
कोका कोला की लेमन लाइम सॉफ्ट ड्रिंक स्प्राइट जल्द ही आपसे नए रंग में मिलने जा रही है. बता दें, साल 1961 में पहली बार कोका कोला ने इसे लॉन्च किया था. अब कंपनी ने पूरे 61 साल के बाद इसमें बड़ा बदलाव किया है. अब हरे रंग की बोतल की जगह कंपनी सफेद या ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक का इस्तेमाल करने जा रही है. ख़ास बात ये है कि इससे प्लास्टिक मैटेरियल को दोबारा बोतल बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता. एक अगस्त से स्प्राइट की हरे रंग वाली बोतल बाजार में शायद आपको नज़र ना आए. हालांकि अब स्प्राइट की बोतल का रंग सफ़ेद जरूर हो गया है लेकिन किस्से कहानियों में ये हमेशा के लिए हरे रंग से ही जानी जाएगी.
61 साल बाद Sprite बनाने वाली अमेरिकी कंपनी कोका कोला (Coca Cola) ने इस पॉपुलर कोल्ड ड्रिंक को हरे रंग की जगह सफेद या ट्रांसपेरेंट बोतलों में बेचने का फैसला लिया है. कंपनी ने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए ये निर्णय लिया गया है. इस फैसले पर कंपनी का कहना है कि स्प्राइट की हरे रंग की बोतल को रिसाइकिल करके नहीं बनाया जा सकता इसलिए इसे बंद करने का फैसला किया गया है. हालांकि, रिसाइकिल करके इससे अन्य प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं.