नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का एक बार फिर दुनिया ने लोहा माना है। उन्हें लगातार दूसरे साल दुनिया का सबसे बेहतरीन सेंट्रल बैंकर चुना गया है। ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड 2024 में शक्तिकांत दास को A+ रेटिंग दी गई है। यह सम्मान उन्हें महंगाई पर नियंत्रण, आर्थिक विकास को बनाए रखने, रुपये की स्थिरता और ब्याज दरों के प्रभावी प्रबंधन के लिए दिया गया है।
ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड 1994 से हर साल प्रकाशित होता है। इसमें दुनियाभर के 101 सेंट्रल बैंकरों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है। इस रैंकिंग में बैंकरों को A से F ग्रेड तक रेटिंग दी जाती है। शक्तिकांत दास को लगातार दूसरी बार A+ रेटिंग मिलना उनकी शानदार नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। ग्लोबल फाइनेंस मैगजीन इस रिपोर्ट में सेंट्रल बैंकरों के प्रदर्शन को विभिन्न आर्थिक मानकों पर परखती है, जैसे मुद्रास्फीति नियंत्रण, आर्थिक वृद्धि, मुद्रा की स्थिरता और ब्याज दरों का प्रबंधन।
शक्तिकांत दास ने कोरोना महामारी के बाद की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना किया। महामारी के दौर में जहां कई देशों की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई, वहीं शक्तिकांत दास ने भारतीय रिजर्व बैंक की सटीक नीतियों के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा। महंगाई पर नियंत्रण और ब्याज दरों को संतुलित रखते हुए उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर दिशा में आगे बढ़ाया।
दुनिया के 101 सेंट्रल बैंकरों में टॉप रैंक पाना आसान नहीं है। शक्तिकांत दास को यह सम्मान मिलना भारत के लिए गर्व की बात है। उनकी दूरदर्शिता और कुशल नेतृत्व का ही नतीजा है कि उन्हें लगातार दूसरी बार यह रैंकिंग मिली है। इससे पहले भी उन्होंने कई बार अपनी नीतियों और कार्यशैली से वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है।
शक्तिकांत दास आरबीआई के 25वें गवर्नर हैं। वह G20 सम्मलेन में भारत के शेरपा भी नियुक्त हुए थे। वह 1980 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म 26 फरवरी, 1957 को हुआ था। शक्तिकांत दास के पास प्रशासनिक अनुभव का लंबा इतिहास है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी के रूप में उन्होंने वित्त मंत्रालय सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता, अर्थशास्त्र पर गहरी समझ और तेजी से बदलते आर्थिक परिदृश्य में सही फैसले लेने की उनकी क्षमता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
दास का लगातार दूसरी बार दुनिया के टॉप सेंट्रल बैंकर के रूप में चुना जाना भारतीय रिजर्व बैंक की नीतियों की सटीकता और उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है। यह न सिर्फ उनके लिए बल्कि भारत के लिए भी गर्व की बात है। उनकी ये उपलब्धि दिखाती है कि सही नेतृत्व और सही नीतियों से किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सकती है, चाहे चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों।
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