अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक नया खुलासा किया है, जिससे बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति
नई दिल्ली: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक नया खुलासा किया है, जिससे बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच चर्चा में आ गए हैं। हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अडानी समूह के जिन ऑफशोर फंड्स में निवेश किया गया था, उनमें धवल बुच का भी पैसा लगा हुआ था।
धवल बुच का नाम भले ही पहले सुर्खियों में न आया हो, लेकिन वे कॉरपोरेट दुनिया में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, धवल बुच वर्तमान में कई प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ जुड़े हुए हैं। वे रियल एस्टेट फर्म ब्लैकस्टोन के सीनियर एडवाइजर हैं, अल्वारेज एंड मार्शल में एडवाइजर हैं और गिल्डान कंपनी के बोर्ड में नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर हैं।
धवल बुच के पास कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने का दशकों का अनुभव है। उन्होंने एफएमसीजी कंपनी यूनिलीवर में कई वरिष्ठ पदों पर काम किया है। यूनिलीवर में वे पहले एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे और बाद में उन्हें चीफ प्रोक्यूरमेंट ऑफिसर के पद पर पदोन्नत किया गया था।
धवल बुच ने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है। उनके पास प्रोक्यूरमेंट और सप्लाई चेन के क्षेत्रों में काम करने का गहरा अनुभव है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि धवल बुच की नेटवर्थ 10 मिलियन डॉलर है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि धवल बुच ने अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी से जुड़े फंड्स में निवेश किया था। उस समय वे यूनिलीवर में कार्यरत थे।
हिंडनबर्ग के इन आरोपों के बाद सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने संयुक्त बयान जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
हिंडनबर्ग का आरोप है कि धवल बुच के अडानी परिवार से जुड़े फंड में निवेश करने के कारण सेबी की अडानी समूह के खिलाफ जांच प्रभावित हुई है। सेबी ने अडानी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग को लेकर हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भी भेजा था। यह मामला अब और गंभीर हो गया है, और सेबी की जांच पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
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