September 19, 2024
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सेबी की निवेशकों से अपील, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में न फंसें, घबराने की जरूरत नहीं

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : August 11, 2024, 9:41 pm IST

Hindenburg Research Report: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को खारिज करते हुए निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें इस रिपोर्ट को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सेबी ने स्पष्ट किया कि ऐसी रिपोर्टों के आधार पर घबराने की बजाय निवेशकों को सूझबूझ से काम लेना चाहिए। रविवार को सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि वह समय-समय पर सभी जरूरी जानकारी देती रही हैं और उन्होंने अपने पद के साथ जुड़े किसी भी संभावित हितों के टकराव से पहले ही खुद को अलग कर लिया था।

अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच में नहीं मिले गंभीर आरोप

सेबी ने बताया कि अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की 24 में से 23 जांचें पूरी हो चुकी हैं और इनमें कोई गंभीर आरोप साबित नहीं हुए हैं। पिछले साल अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों के बाद सेबी ने कई जांचें शुरू की थीं, जिनमें से अब केवल एक जांच बाकी है। सेबी ने इस मामले में 12 हजार पेजों के 300 से ज्यादा दस्तावेज खंगाले, 100 से ज्यादा समन जारी किए, और घरेलू व विदेशी एजेंसियों से भी मदद ली।

ब्लैकस्टोन और REIT नियमों को लेकर सेबी का बयान

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया था कि REIT (रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट) नियमों में बदलाव ब्लैकस्टोन को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे। इस पर सेबी ने कहा कि REIT नियमों में बदलाव लोगों की राय और सलाह के आधार पर किए गए थे। इन नियमों में कोई भी बदलाव किसी एक को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि निवेशकों के हित में किए गए थे। सेबी ने कहा कि उनका उद्देश्य निवेशकों का फायदा सुनिश्चित करना है और उनके लिए एक पारदर्शी ढांचा तैयार करना है।

निवेशकों को सेबी की सलाह

सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि वे हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में न फंसें और निवेश के मामलों में धैर्य और समझदारी से काम लें। सेबी ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के डिस्क्लेमर को भी पढ़ना जरूरी है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी कितनी विश्वसनीय है।

सेबी ने अपनी पारदर्शिता और जांच प्रक्रिया पर जोर देते हुए कहा कि वह हमेशा निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए काम करता रहेगा। ऐसे में निवेशकों को किसी भी रिपोर्ट के आधार पर घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें समझदारी से अपने निवेश के फैसले लेने चाहिए।

 

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