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SBI Public Provident Fund Scheme Details: एसबीआई ग्राहकों के लिए लाया पब्लिक प्रोविडेंट फंड योजना, जानें मुख्य बातें

SBI Public Provident Fund Scheme Details: भारतीय स्टेट बैंक, एसबीआई ग्राहकों के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड, पीपीएफ योजना की सुविधा देता है. पीपीएफ खाता किसी भी शाखा में नाबालिग की ओर से या अपने नाम से भी व्यक्ति खोल सकता है. एसबीआई के अनुसार, पीपीएफ खाते में न्यूनतम 500 रुपये जमा किए जा सकते हैं. इससे जुड़ी अन्य जानकारी ग्राहक नीचे पढ़ सकते हैं.

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SBI Public Provident Fund Scheme Details
  • December 8, 2019 5:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. सार्वजनिक भविष्य निधि या पीपीएफ खाता, एक सेवानिवृत्ति योजना-केंद्रित साधन है. भारतीय स्टेट बैंक, एसबीआई भी अपने ग्राहकों को ये सुविधा पेश करता है. एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in के अनुसार पीपीएफ योजना ग्राहकों के लिए दी जा रही है. इसे राष्ट्रीय बचत संगठन द्वारा 1968 में शुरू किया गया था. ये छोटी बचत जुटाने के लिए निवेश का विकल्प है. अपने नाम के साथ-साथ एक नाबालिग की ओर से किसी भी शाखा में खाता खोला जा सकता है. ग्राहक एसबीआई पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) योजना के बारे में नीचे दी गई जानकारी पढ़ सकते हैं.

  • निवेश की सीमा: पीपीएफ खाते में न्यूनतम 500 रुपये से अधिकतम 1,50,000 रुपये प्रतिवर्ष जमा किया जा सकता है. राशि प्रति वर्ष एकमुश्त या अधिकतम 12 किस्तों में जमा की जा सकती है.
  • मैच्योरिटी समय: पीपीएफ खाते की मूल अवधि 15 वर्ष है. हालांकि सब्सक्राइबर द्वारा आवेदन करने पर, इसे 5 साल के 1 या अधिक के लिए बढ़ाया जा सकता है.
  • ब्याज दर: ब्याज दर त्रैमासिक आधार पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है. वर्तमान में यह 7.9 प्रतिशत प्रति वर्ष है. ब्याज की गणना पीपीएफ खाते में मौजूद न्यूनतम शेष राशि पर महीने के पांचवें दिन और आखिरी तारीख के बीच की जाती है. इसका भुगतान 31 मार्च को किया जाता है.
  • आयकर लाभ: आयकर अधिनियम की धारा 88 के तहत आयकर लाभ मिलता है. ब्याज आय पूरी तरह से आयकर से मुक्त है.
  • समय से पहले निकालना: पांच वित्तीय वर्ष पूरे होने के बाद ही समय पर भुगतान की अनुमति दी जाती है. भारत और विदेश में उच्च शिक्षा के मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश की पुष्टि में दस्तावेजों और शुल्क बिलों के दिखाने पर खाता धारक या मामूली खाताधारक की उच्च शिक्षा के लिए समय से पहले राशि वापस ली जा सकती है. इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी के लिए सहायक दस्तावेज देने पर पति या पत्नी या आश्रित बच्चों या माता-पिता की गंभीर बीमारियों या जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली बीमारियों के इलाज के लिए राशि निकाली जा सकती है.

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