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अमेरिका में ट्रंप के आते ही रुपया गिरा धड़ाम, SBI रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे!

नई दिल्ली : जब से अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने बंपर जीत हासिल की है, तब से अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर का दबदबा बना हुआ है। इसका सबसे बुरा असर भारतीय रुपये पर देखने को मिल रहा है। मौजूदा समय में डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 84.40 रुपये पर पहुंच […]

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Dollar Vs Rupee-Inkhabar
  • November 11, 2024 10:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली : जब से अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने बंपर जीत हासिल की है, तब से अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर का दबदबा बना हुआ है। इसका सबसे बुरा असर भारतीय रुपये पर देखने को मिल रहा है। मौजूदा समय में डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 84.40 रुपये पर पहुंच गया है। खास बात यह है कि ट्रंप के कार्यकाल में डॉलर के मुकाबले रुपये में और भी ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में 10 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। इसका मतलब यह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये का स्तर 92 रुपये के पार जा सकता है।

10 फीसदी की गिरावट हो सकती है

डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 8-10 फीसदी तक कमजोर हो सकता है। यह अनुमान एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट में लगाया गया है। गौरतलब है कि सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था। एसबीआई की इस रिपोर्ट का शीर्षक है ‘अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: ट्रंप 2.0 का भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा’। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कुछ समय के लिए गिर सकता है, जिसके बाद स्थानीय मुद्रा मजबूत होगी।

भारत के सामने क्या है चुनौतियां

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप की ऐतिहासिक वापसी ने बाजारों और चुनिंदा परिसंपत्ति वर्गों को जीवन दिया है, हालांकि भारत के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों हैं। शुल्क में बढ़ोतरी की संभावना, एच-1बी वीजा प्रतिबंध और मजबूत डॉलर से अल्पावधि में अस्थिरता हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसी स्थिति में भारत के लिए अपने विनिर्माण का विस्तार करने, निर्यात बाजारों में विविधता लाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ाने के अवसर हैं।

 

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