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Revised ITR 2018-19: जानें क्या है संशोधित आटीआर और लेट आईटीआर में फर्क, किसे पढ़ेगा भरना

नई दिल्ली. Revised ITR and Belated ITR:  चालू वित्त वर्ष 2018-19 31 मार्च को समाप्त हो रहा है. यह दो प्रकार के आईटीआर भरने वालों के लिए महत्वपूर्ण है. वो हैं संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की श्रेणी में जो आते हैं और लेट रिटर्न फाइलिंग की श्रेणी में जो आते हैं. जिन लोगों ने वित्तीय वर्ष 2017-18 या मूल्यांकन वर्ष 2018-19 के लिए अपना आयकर रिटर्न, आईटीआर दाखिल नहीं किया है, उन्हें 31 मार्च से पहले बिलेटेड (लेट) रिटर्न दाखिल करना होगा. वहीं 2018-19 के लिए संशोधित आईटीआर या 2017-18 को भी उक्त समय सीमा से पहले भरने की आवश्यकता है.

संशोधित आईटीआर और लेट आईटीआर के बीच अंतर के बारे में जानकारी होना अनिवार्य है. साथ ही ये जानना अनिवार्य है कि किसे ये रिटर्न दाखिल करना होगा? संशोधित रिटर्न आयकर अधिनियम की धारा 139 (5) के तहत ऑनलाइन दायर किया जा सकता है. यदि आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने के बाद किसी व्यक्ति को कोई गलती, चूक या कोई गलत जानकारी बदलनी है तो वह संशोधित आईटीआर फाइल कर सकता है. किसी के नाम की स्पेलिंग, बैंक खाता संख्या आदि में गलती में सुधार किया जा सकता है. संशोधित आईटी रिटर्न को निर्धारित समय सीमा के भीतर दर्ज किया जाना चाहिए.

Revised ITR 2018-19: बिलेटेड (लेट) रिटर्न क्या है?
एक आयकर रिटर्न जो नियत तारीख के बाद दायर किया जाता है, उसे बिलेटेड रिटर्न कहा जाता है. यह आयकर अधिनियम की धारा 139 (4) के तहत दायर किया जाता है.

संशोधित आयकर रिटर्न कब दाखिल किया जा सकता है?
मूल्यांकन वर्ष के दौरान या मूल्यांकन पूरा होने से पहले किसी भी समय एक संशोधित आय रिटर्न दाखिल किया जा सकता है; इनमें से जो भी पहले हो. 2018-19 के लिए संशोधित आईटीआर दाखिल करने वालों को 31 मार्च से पहले इसे करने की आवश्यकता है.

संशोधित आयकर रिटर्न कैसे दाखिल करें?
बिलेटेड रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया नियमित आईटीआर दाखिल करने के समान है. अपने लिए लागू आईटीआर फॉर्म को चुनना होगा और फॉर्म को उसी तरह भरना होगा जैसे रिटर्न दाखिल किया जाया है. मूल्यांकन वर्ष का चयन करें जिसके लिए बैलेंस्ड रिटर्न दाखिल कर रहे हैं.

बिलेटेड रिटर्न कैसे फाइल करें?
बिलेटेड रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया नियमित आयकर रिटर्न दाखिल करने के समान है. केवल उस आईटीआर फॉर्म का चयन करना है जो आपके लिए लागू है. उसी तरीके से फॉर्म भर सकते हैं जैसे रिटर्न दाखिल किया गया था. मूल्यांकन वर्ष चुनना होगा जिसके लिए बैलेंस्ड रिटर्न दाखिल कर रहे हैं.

बिलेटेड रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना?
बकाया टैक्स राशि पर प्रति माह एक प्रतिशत ब्याज (साधारण ब्याज) लिया जाएगा. इस ब्याज की गणना निर्धारित तिथि से की जाएगी. वित्त वर्ष 2017-18 के रिटर्न के लिए और उसके बाद नियत तारीख के बाद दाखिल किए गए रिटर्न के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा लेकिन 31 दिसंबर से पहले करना होगा. यदि रिटर्न 31 दिसंबर के बाद दाखिल किया जाता है, तो 10,000 रुपये का जुर्माना लागू होगा. हालांकि, 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए जुर्माना 1,000 रुपये होगा.

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Aanchal Pandey

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