Reliance की ‘Big Bazaar’के साथ डील कैंसिल, बाजार की बुरी हालत, करोड़ों का पेमेंट डिफॉल्ट!

नई दिल्ली। हम सभी ने अपने जीवन में कहीं न कहीं इस कहावत को सुना ही होगा कि ‘समय बदलने में देर नहीं लगती’. अपने आस पास कॉरपोरेट की दुनिया में कपंनियों को अच्छे से बुरे आप बुरे से अच्छे दौर में भी जाते देखा होगा. ऐसा ही मामला Big Bazaar जैसे ब्रांड के मालिक […]

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Reliance की ‘Big Bazaar’के साथ डील कैंसिल, बाजार की बुरी हालत, करोड़ों का पेमेंट डिफॉल्ट!

Mohmmed Suhail Mewati

  • July 2, 2022 12:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। हम सभी ने अपने जीवन में कहीं न कहीं इस कहावत को सुना ही होगा कि ‘समय बदलने में देर नहीं लगती’. अपने आस पास कॉरपोरेट की दुनिया में कपंनियों को अच्छे से बुरे आप बुरे से अच्छे दौर में भी जाते देखा होगा. ऐसा ही मामला Big Bazaar जैसे ब्रांड के मालिक Future Group से जुड़ा हुआ है. कर्ज के बोझ के कारण इस समूह की वित्तय हालत अब इतनी बुरी स्थिति में पहुंच चुकी है कि समूह की एक-दो नहीं बल्कि तीन-तीन कंपनियों ने करोड़ों रुपये का पेमेंट डिफॉल्ट कर दिया है.

खबर के मुताबिक समूह की Future Enterprises,Future Lifestyle Fashions और Future Consumer कंपनियां अपने कर्जदाताओं के समूह (Consortium of Lenders) को एक बारगी भुगतान समाधान (One Time Resolution) योजना का पेमेंट नहीं कर पाई हैं.

करोंड़ों रुपये का पेमेंट डिफॉल्ट

शुक्रवार को Future Lifestyle Fashions ने सूचना दी कि वह 335.08 करोड़ रुपये का मूलधन नहीं चुका पाई है. इसे चुकाने की अंतिम तारीख 30 जून 2022 थी. इसमें कंपनी को मिले वर्किंग कैपिटल टर्म लोन, टर्म लोन और करोड़ों के परचेज बिल का पेमेंट शामिल है. हालांकि कंपनी ने इस लोन के ब्याज के पेमेंट कर दिया है. समूह की ये कंपनी Central और Brand Factory जैसे स्टोर चलाती है.

NCD का पेमेंट भी नहीं हुआ

Future Entrprises Limited कंपनी के समूह की नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर के मूलधन का पुनर्भुगतान नहीं कर पाई है. ये पेमेंट डिफॉल्ट 126.13 करोड़ रुपये का है. इसी तरह Future Consumer ने भी 17.2 करोड़ रुपये का पेमेंट डिफॉल्ट किया है. तीनों कंपनियों ने कुल मिलाकर करीब 448 करोड़ रुपये का पेमेंट डिफॉल्ट किया है.

बुरे वक्त से गुजर रहा Future Group

बता दें कि समूह की ये तीनों कंपनियां Future-Reliance Deal का हिस्सा थीं. इस डील में रिलायंस समूह को फ्यूचर ग्रुप की कुल 19 कंपनियों का मालिकाना हक मिलने वाला था. इनमें Big Bazaar जैसा बड़ा रिटेल ब्रांड भी शामिल था. ये सभी कंपनियां रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक और वेयरहाउस सेगमेंट से जुड़ी थीं. फ्यूचर और रिलायंस की डील अगस्त 2020 में हुई थी, लेकिन Amazon के कानूनी विवाद खड़ा होने के बाद ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची. बाद में फिर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अप्रैल 2021 में घोषणा की कि अब ये डील नहीं हो सकती.

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