नई दिल्ली : भारतीय बाजार में लगातार गिरावट के बीच सबकी निगाहें आरबीआई गवर्नर की 3 दिवसीय बैठक पर थी जो 28 सितंबर से 30 सितंबर तक चलने वाली थी. क्योंकि इस बैठक से कई महत्वपूर्ण फैसलों की उम्मीद थी जिससे बाजार के अगले चाल को समझा जा सके, आरबीआई के तरफ से महत्वपूर्ण फैसला […]
नई दिल्ली : भारतीय बाजार में लगातार गिरावट के बीच सबकी निगाहें आरबीआई गवर्नर की 3 दिवसीय बैठक पर थी जो 28 सितंबर से 30 सितंबर तक चलने वाली थी. क्योंकि इस बैठक से कई महत्वपूर्ण फैसलों की उम्मीद थी जिससे बाजार के अगले चाल को समझा जा सके, आरबीआई के तरफ से महत्वपूर्ण फैसला रेपो रेट को लेकर आ रहा है आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने इसकी जानकारी दी रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोत्तरी का एलान किया है।
उन्होंने कहा की यह समय देश के लिए चुनौतीपूर्ण है हमारे देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है। तथा जीडीपी ग्रोथ हमारा सबसे बेहतर है गवर्नर ने यह भी कहा की पूरी दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है और फाइनेंशियल बाजार के सभी सेगमेंट में उतार चढाव का दौर है।
अब इस बढ़ोत्तरी के बाद आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर अब 5.9% हो गई है । आपको बता दे इससे पहले आरबीआई के द्वारा रेपो रेट में बढ़ोत्तरी मई माह में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90% कर दिया गया था ।
रेपो रेट बढ़ने से महंगी होगी ईएमआई
रेपो रेट की बढ़ोत्तरी का असर लोन धारकों के जेब पर पड़ने वाला है क्योंकि अब बैंको द्वारा ब्याज दर में बढ़ोत्तरी की जाएगी जिसका सीधा असर आपके ईएमआई पर पड़ेगा।
किसे नहीं होगा नुकसान
अगर आपने निश्चित ब्याज दर पर लोन लिया है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसका असर केवल अनिश्चित दर पर लिए गए कर्ज पर पड़ेगा।
क्यों बढ़ा रेपो रेट
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने कहा की सीपीआई ( consumer price index ) हमारे लक्ष्य से दूर है इसलिए एमपीसी ने रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया की FY23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी है।