दूध और मोबाइल टैरिफ की बढ़ोतरी से क्यों चिंतित हैं RBI गवर्नर?

Milk & Mobile Tariff Hike: जून 2024 में लोकसभा चुनावों के बाद दूध की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई। अमूल और मदर डेयरी ने दूध के दाम 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिए। इससे दूध और उससे बने उत्पाद जैसे पनीर, दही, मिठाई आदि की कीमतें भी बढ़ गईं। इससे महंगाई का बोझ आम जनता पर और बढ़ गया, जिसने आरबीआई को भी परेशान कर दिया।

मोबाइल टैरिफ हाइक से बढ़ी समस्याएं

जून के आखिरी हफ्ते में रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने मोबाइल टैरिफ में 25% तक की वृद्धि कर दी। इससे प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान महंगे हो गए, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करना पड़ रहा है। इस टैरिफ वृद्धि ने भी आरबीआई की चिंताओं को बढ़ा दिया है।

खाद्य महंगाई में उछाल ने बढ़ाई चिंता

खाद्य महंगाई में बढ़ोतरी पहले से ही आरबीआई की चिंता का कारण बनी हुई है। जून 2024 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5.08% तक पहुंच गया, जो आरबीआई के 4% के लक्ष्य से अधिक है। खाद्य महंगाई में 46% वेटेज और सब्जियों में 35% का योगदान रहा है। इन सब कारणों से आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो रेट को यथावत रखा।

आरबीआई गवर्नर की नजर में

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 50वीं मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में कहा कि दूध की कीमतों और मोबाइल टैरिफ में वृद्धि पर नजर रखना जरूरी है। यह बढ़ोतरी आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ा रही है, जिससे निपटना आरबीआई के लिए चुनौती बन गया है।

 

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