RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, क्रेडिट कार्ड से UPI पेमेंट तक…7 प्वॉइंट में जानें सारे डिटेल्स

नई दिल्ली, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की जून बैठक खत्म हो गई है, सोमवार से बुधवार तक चली इस बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके साथ अब रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया है. रेपो रेट बढ़ने का सीधा […]

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RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, क्रेडिट कार्ड से UPI पेमेंट तक…7 प्वॉइंट में जानें सारे डिटेल्स

Aanchal Pandey

  • June 8, 2022 3:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की जून बैठक खत्म हो गई है, सोमवार से बुधवार तक चली इस बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके साथ अब रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया है. रेपो रेट बढ़ने का सीधा असर कर्ज की ईएमआई पर पड़ने वाला है, इसके चलते अब न सिर्फ नए लोन महंगे हो जाएंगे, बल्कि कई पुराने कर्ज खासकर होम लोन और पर्सनल लोन की आपकी किस्तें भी बढ़ जाएंगी.

इससे पहले रिज़र्व बैंक ने महंगाई को काबू में करने के लिए पिछले महीने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया था. आज रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट बढ़ाने के अलावा भी कई महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी.

आरबीआई की ताजा बैठक में लिए गए मुख्य फैसले इस प्रकार हैं…

(1) महंगाई अब भी एक चिंता का विषय बना हुआ है. इस वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही में यानी दिसंबर तक इसमें राहत की कोई उम्मीद नहीं है. रिजर्व बैंक ने कहा कि इस फाइनेंशियल ईयर में खुदरा महंगाई 6.7 फीसदी रहने वाली है, वहीं, इसकी दर पहली तिमाही में 7.5 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने की संभावना है.

(2) अप्रैल-मई में आर्थिक गतिविधियों में सुधार देखने को मिला है, जीडीपी की ग्रोथ रेट महामारी से पहले के स्तर को पार कर चुकी है और 21-22 के लिए इसके 8.7 फीसदी रहने की संभावना है.

(3) इस वित्त वर्ष में रुपया तेजी से कमजोर हुआ है. अप्रैल और मई में ही रुपया डॉलर के मुकाबले 2.5 फीसदी गिर चुका है, वहीं, निर्यात के मोर्चे पर भी सुधार देखने को मिला है. क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के बाद भी आयात का बिल कुछ कम हुआ है.

(4) बैंकिंग सिस्टम को मज़बूती मिली है, लेकिन अब भी आरबीआई के सामने कई चुनौतियाँ हैं.

(5) को-ऑपरेटिव बैंक के मामले में कोई भी बदलाव नहीं किए हैं, अब अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लोगों को और ज्यादा लोन दे सकेंगे. ऐसे बैंकों के लिए होम लोन की लिमिट 100% बढ़ा दी गई है.

(6) अब यूपीआई के जरिए सिर्फ सेविंग अकाउंट या करेंट अकाउंट से ही नहीं बल्कि क्रेडिट कार्ड से भी पेमेंट किया जा सकेगा. रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट कार्ड से यूपीआई पेमेंट की सुविधा देने का फैसला लिया है.

(7) रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही सब्सक्रिप्शन वाले पेमेंट को भी आसान बना दिया है, साथ ही ई-मैंडेट को अनिवार्य किए जाने के बाद रिजर्व बैंक ने ऐसे ट्रांजेक्शन के लिए एक लिमिट तय कर दी है.

 

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