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दो बैंकों पर RBI का शिकंजा, पैसे निकालने पर लगाई लिमिट

नई दिल्ली, बैंकिंग नियमों का सही से पालन नहीं करने की वजह से RBI अक्सर बैंकों के ऊपर कार्रवाई करते रहता है. हालिया समय में खास तौर पर सहकारी बैंकों को लेकर रिजर्व बैंक सख्त रुख अपना रही है. इस कड़ी में अब उत्तर प्रदेश के दो सहकारी बैंक RBI के निशाने पर आए हैं, […]

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दो बैंकों पर RBI का शिकंजा, पैसे निकालने पर लगाई लिमिट
  • July 29, 2022 5:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, बैंकिंग नियमों का सही से पालन नहीं करने की वजह से RBI अक्सर बैंकों के ऊपर कार्रवाई करते रहता है. हालिया समय में खास तौर पर सहकारी बैंकों को लेकर रिजर्व बैंक सख्त रुख अपना रही है. इस कड़ी में अब उत्तर प्रदेश के दो सहकारी बैंक RBI के निशाने पर आए हैं, आरबीआई ने उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीतापुर पर शिकंजा कसा है.

यूपी के इन दो बैंकों पर पाबंदी

रिज़र्व बैंक ने गुरुवार को दो अलग-अलग स्टेटमेंट में बताया कि लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सीतापुर दोनों की वित्तीय स्थिति खराब हो चुकी है, जिस कारण इन दोनों बैंकों के ऊपर पाबंदी लगाने का फैसला लेना पड़ा है. रिजर्व बैंक ने इन दो सहकारी बैंकों के ऊपर जो पाबंदियां लगाई हैं, उनमें इनके ग्राहकों के निकालने पर लिमिट भी लगा दी गई है.

रिजर्व बैंक ने बताया कि दोनों सहकारी बैंक लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के ऊपर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत पाबंदियां लगाई गई हैं. दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर ये पाबंदियां अगले छह महीने तक लागू रहेंगी और छह महीने के बाद रिज़र्व बैंक ये तय करेगा कि ये पाबंदियां हटानी हैं या इन्हें लागू रखना है. आरबीआई के स्टेटमेंट के अनुसार, लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक अब 30 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे. रिजर्व बैंक ने अलग से एक बयान में बताया कि इसी तरह अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी कर सकेंगे.

रिज़र्व बैंक ने लगाई ये पाबंदियां

आरबीआई के स्टेटमेंट के मुताबिक, निकासी पर लिमिट के अलावा भी दोनों सहकारी बैंकों के ऊपर कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं. ये दोनों सहकारी बैंक फिलहाल रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना कर्ज नहीं दे पाएंगे, इसी तरह कोई निवेश करने या फंड जुटाने के लिए भी इन दोनों बैंकों को रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी. ये दोनों सहकारी बैंक पाबंदियों के लागू रहने तक ग्राहकों से डिपॉजिट भी नहीं ले पाएंगे, साथ ही दोनों सहकारी बैंकों को कोई संपत्ति गिरवी रखने या बेचने के लिए भी सेंट्रल बैंक से पहले से मंजूरी लेनी होगी.

 

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