नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने को लेकर नया नियम जारी किया है, जो 15 अक्टूबर से लागू हो जाएगा. RBI के मुताबिक, अगर आप सेविंग अकाउंट में एक साल में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा जमा करते हैं. अपनी टैक्स संबंधी जानकारी बैंक के साथ […]
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने को लेकर नया नियम जारी किया है, जो 15 अक्टूबर से लागू हो जाएगा. RBI के मुताबिक, अगर आप सेविंग अकाउंट में एक साल में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा जमा करते हैं. अपनी टैक्स संबंधी जानकारी बैंक के साथ साझा करनी होगी. ऐसी स्थिति में बैंक आपके खाते की जांच कर सकता है और विस्तृत जानकारी मांग सकता है. आपको आयकर विभाग से कोई नोटिस मिल सकता है, अगर वरिष्ठ नागरिकों की बात करें तो वे अपने बैंक खाते में 10 लाख रुपये तक रख सकते हैं, जिस पर कोई अतिरिक्त सत्यापन नहीं होगा।
न्यूनतम बैलेंस की शर्त पूरी न करने पर जुर्माना वसूलना अब बैंकों के लिए आम बात हो गई है. ऐसी वसूली से बैंकों ने करोड़ों रुपये कमाए हैं. खासकर जब आप अपना पैसा निकालते हैं और न्यूनतम बैलेंस की शर्त पूरी नहीं कर पाते हैं तो बैंक 300 रुपये से 600 रुपये तक का जुर्माना लगाते हैं. सरकारी बैंक पीएनबी ने इस मामले में 1,538 करोड़ रुपये की वसूली कर रिकॉर्ड बनाया है. वहीं, देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने नकारात्मक प्रचार के कारण कुछ साल पहले इस तरह के शुल्क वसूलना बंद कर दिया था.
आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि बैंक उन खाताधारकों से न्यूनतम शेष राशि के संबंध में कोई दंडात्मक शुल्क नहीं लेंगे जिनके खाते में दो साल से अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ है. आरबीआई ने बैंक खातों को लेकर नए नियम जारी किए हैं. जिसके अनुसार भारत में एक व्यक्ति जितने चाहे उतने बैंकों में खाता खोल सकता है. इसके लिए खाताधारकों को अपने सभी बैंक खातों का हिसाब-किताब सही रखना होगा. आपको एक खाते को अपने प्राथमिक खाते के रूप में भी सेट करना होगा. जिसका उपयोग खाताधारक अधिक करता है.
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