RBI Governor on Indian Economy: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने देश के सभी बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात के दौरान कहा कि वर्तमान में देश की आर्थिक हालात आगे के समय में बैंकों के लिए कई तरह की चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं जिनके लिए सभी को तैयार रहना होगा.
नई दिल्ली. देश के सभी बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था में चुनौती अभी बरकरार है जो आगे आने वाले समय में बैंकों के सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं. शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी बैंक चुनौतियों के लिए तैयार रहें. हालांकि, आरबीआई गर्वनर ने ये भी कहा कि समय के साथ भारतीय बैंकिंग सेक्टर सुधार की ओर है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंकिंग सेक्टरों की स्थिति मजबूत हो रही है. वहीं बैंकों के स्ट्रेस्ड असेट्स को लेकर चर्चा करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा इन सभी मामलों को निपटाने के लिए सभी बैंकों में आपसी तालमेल अच्छा होना चाहिए.
भारतीय रिजर्व बैंक गर्वनर शक्तिकांत दास का यह बयान उस समय पर आया है जब भारत के विकास दर पिछली तिमाही में घटकर 4.5 हो गई. जीडीपी के ताजे आकंड़ों को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 5 दिसंबर को जीडीपी का अनुमान घटा दिया था.
जीडीपी के आंकड़ों के बाद आरबीआई ने घटाया जीडीपी अनुमान
जुलाई- सितंबर 2019 की तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी का स्तर गिरकर महज 4.5 फीसदी रह गया जो पिछले साढ़े 6 सालों में सबसे खराब स्तर है. लगातार छठी तिमाही में देश की जीडीपी सुस्त मिली जो कि अर्थव्यवस्था के लिए काफी खतरनाक हो सकता है.
जीडीपी के आंकड़ों के बाद आरबीआई ने भी पांच दिसंबर को अपना जीडीपी का अनुमान घटा लिया है. भारतीय रिजर्व बैंक की मानें तो साल 2019-20 के दौरान जीडीपी में गिरावट आएगी जो भारत की आर्थिक स्थिति के लिए काफी बड़ा झटका हो सकता है. इसी वजह से केंद्रीय बैंक ने जीडीपी का स्तर 6.1 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया.