रिजर्व बैंक (RBI) काफी समय से देश में महंगाई को काबू में करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए ब्याज दरें भी लंबे समय से ऊंची रखी गई हैं।
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक (RBI) काफी समय से देश में महंगाई को काबू में करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए ब्याज दरें भी लंबे समय से ऊंची रखी गई हैं। लेकिन महंगाई अभी भी RBI के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में इसे ‘दुश्मन नंबर वन’ कहा है।
गवर्नर दास ने बताया कि अप्रैल 2022 में महंगाई 7.8% के उच्चतम स्तर पर थी। हालांकि, हाल के महीनों में महंगाई घटकर 4% से नीचे आ गई है, जो एक अच्छा संकेत है। फिर भी, उन्होंने साफ कहा कि यह काम अभी पूरा नहीं हुआ है और महंगाई पर नजर बनाए रखना जरूरी है। इसे लेकर कोई ढील नहीं दी जा सकती।
RBI के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई 5.4% रहने की उम्मीद है। वहीं, 2024-25 में यह घटकर 4.5% और 2025-26 में 4.1% तक आ सकती है। हालांकि, इस पर काबू पाने के लिए अभी भी कड़े प्रयास जारी रहेंगे।
महंगाई और डॉलर के बढ़ते दामों के चलते बैंकों पर भी दबाव बढ़ा है। गवर्नर दास ने बताया कि बैंकों को लोन देने में अब ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ रही है। इस वजह से RBI भी अपनी मौद्रिक नीतियों पर और सोच-समझकर फैसले लेगा।
लोगों को उम्मीद है कि ब्याज दरों में जल्द कटौती हो सकती है, खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों को लेकर किए गए बदलाव के संकेतों के बाद। लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं आया है।