RBI Cuts Repo Rate Monetary Policy: आरबीआई ने रेपो रेट में की 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती, जीडीपी अनुमानित दर घटकर 6.1 फीसदी, जानें लोगों पर क्या पड़ेगा असर

RBI Cuts Repo Rate Monetary Policy, RBI ne Ghataayi Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर दी है. इसी के साथ जीडीपी आउटलुक घटकर 6.1 प्रतिशत रक दिया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने नागरिकों को राहत देने और निजी खपत को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट्स, बीपीएस की कटौती की है. अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और आरबीआई की सरकार को मदद के रूप में यह पांचवी बार सीधी दर में कटौती है. इसी के बाद केंद्रीय बैंक ने जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया.

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RBI Cuts Repo Rate Monetary Policy: आरबीआई ने रेपो रेट में की 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती, जीडीपी अनुमानित दर घटकर 6.1 फीसदी, जानें लोगों पर क्या पड़ेगा असर

Aanchal Pandey

  • October 4, 2019 12:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति, एमपीसी ने वर्ष में पांचवीं बार प्रमुख रेपो दर को घटा दिया है क्योंकि इसका उद्देश्य आर्थिक मंदी के बीच मांग और निजी खपत को बढ़ावा देना है. आरबीआई समिति ने नीति की अगस्त की बैठक में रेपो दर को 35 बीपीएस तक घटा दिया था. इसकी आज की द्वि-मासिक समीक्षा बैठक के बाद प्रमुख उधार दर में 25 बीपीएस की कमी आई है. रेपो दर या जिस दर पर आरबीआई अन्य बैंकों को ऋण देता है, उसे संशोधित करके 5.40 प्रतिशत से 5.15 प्रतिशत कर दिया गया है. इसी तरह, रिवर्स रेपो दर को 4.90 प्रतिशत पर समायोजित किया गया है.

एमपीसी के सभी सदस्यों ने नीतिगत रेपो दर को कम करने और मौद्रिक नीति के आक्रामक रुख के साथ जारी रखने के लिए मतदान किया. आरबीआई के एमपीसी के सभी सदस्यों ने रेपो दर को कम करने और मौद्रिक नीति के संबंध में एक समायोजन रुख बनाए रखने के लिए एकमत से मतदान किया. एक एमपीसी समिति के सदस्य, रवींद्र एच ढोलकिया, ने रेपो दर को 40 आधार अंकों तक कम करने के लिए मतदान किया था.

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25 बीपीएस दर में कटौती अर्थशास्त्रियों की भविष्यवाणियों के अनुरूप है. अर्थशास्त्रियों ने कहा था कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अपने मिशन में सरकार की सहायता करने के लिए आरबीआई प्रमुख उधार दर को कम कर सकता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पहले एक मजबूत संकेत दिया था कि केंद्रीय बैंक दरों में कटौती करने की दिशा में आगे बढ़ेगा क्योंकि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत की अवधि के लक्ष्य के लिए बनी हुई है.

क्या पड़ेगा असर

केंद्रीय बैंक के इस कदम से होम लोन पर ब्याज में और कमी आने की उम्मीद है, खासकर तब जब सभी बैंकों के लिए 1 अक्टूबर से अपने बाहरी बेंचमार्क का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में धीमे आर्थिक विकास को तेजी मिलेगी और आम जनता के लिए सभी बैंक लोन की ब्याज दरों में कमी कर देंगे.

हालांकि, केंद्रीय बैंक ने पिछली द्वि-मासिक एमपीसी बैठक में 2019-20 जीडीपी वृद्धि के लिए इसे घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया था. यह भी, कई क्षेत्रों में मंदी की पृष्ठभूमि में जरूरी और संभावित था. वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी को देखते हुए इसको संशोधित कर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है.

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