नई दिल्ली: भारत एक ऐसा देश है जहां कृषि अभी भी काफी हद तक मानसून पर निर्भर है। देश में हर साल मानसून को लेकर पूर्वानुमानों और अनुमानों के आधार पर खाद्य पदार्थों की कीमतें भी ऊपर-नीचे होती रहती है. इस साल की बात करें तो इस साल 13 सितंबर तक भारत में दीर्घकालिक औसत […]
नई दिल्ली: भारत एक ऐसा देश है जहां कृषि अभी भी काफी हद तक मानसून पर निर्भर है। देश में हर साल मानसून को लेकर पूर्वानुमानों और अनुमानों के आधार पर खाद्य पदार्थों की कीमतें भी ऊपर-नीचे होती रहती है. इस साल की बात करें तो इस साल 13 सितंबर तक भारत में दीर्घकालिक औसत से 8 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.
सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अच्छे मॉनसून के चलते आने वाले समय में सब्जियों और दूध की औसत खुदरा कीमतों में नरमी देखने को मिल सकती है. इसके पीछे दिया गया कारण भी आपको रेशनल लग सकता है क्योंकि वर्षों से हम देश में बारिश के आधार पर सब्जियों, फलों और अन्य संबंधित खाद्य उत्पादों की कीमतों में बदलाव देखते आ रहे हैं.
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि इस सीजन में सभी प्रमुख फसलों की अच्छी बुआई देखने को मिली है. इस साल 6 सितंबर तक कुल 109.2 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हो चुकी है. पिछले साल के मुकाबले सालाना आधार पर बुआई में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. कुल बुआई क्षेत्र सामान्य बुआई क्षेत्र का 99% है, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 98% था. अधिक बुआई-अधिक फसल यानी मांग-आपूर्ति के फॉर्मूले पर नजर डालें तो मांग से अधिक आपूर्ति होने के कारण भविष्य में इन खाद्य पदार्थों की कीमतें कम हो सकती हैं.
देशभर में 817.9 मिमी बारिश हुई है, पिछले साल यह आंकड़ा 684.6 मिमी था. देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हुई है. इससे बांधों में मौजूद जल भंडार में बढ़ोतरी हुई है. जाहिर तौर पर अच्छी बारिश से दलहन, तिलहन और दलहन की अच्छी बुआई को सपोर्ट मिला है.
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