नई दिल्ली : रोजगार के मोर्चे पर देश को अच्छी खबर मिली है। शुक्रवार को आंकड़े जारी करते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान देश में बेरोजगारी दर घटकर 6.6 फीसदी पर आ गई है। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 6.7 फीसदी था। एनएसओ के पीरियोडिक […]
नई दिल्ली : रोजगार के मोर्चे पर देश को अच्छी खबर मिली है। शुक्रवार को आंकड़े जारी करते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान देश में बेरोजगारी दर घटकर 6.6 फीसदी पर आ गई है। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 6.7 फीसदी था। एनएसओ के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के आंकड़ों के मुताबिक पुरुषों में बेरोजगारी कम हुई है। पहली तिमाही में महिलाओं में बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़कर 9 फीसदी हो गया है। एक साल पहले यह आंकड़ा 8.5 फीसदी था। यह सरकार के लिए चिंता की बात है।
पीएलएफएस के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही के दौरान पुरुषों में बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी से घटकर 5.8 फीसदी पर आ गई है। सर्वे में पता चला है कि युवाओं (15-29 साल) की बेरोजगारी दर भी पहली तिमाही में घटकर 16.8 फीसदी पर आ गई है। पिछली तिमाही में यह 17 फीसदी थी। यह आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस आयु वर्ग के युवा आमतौर पर पहली बार रोजगार पाते हैं। इससे पता चलता है कि श्रम बाजार मजबूत हो रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान युवा पुरुषों की बेरोजगारी दर में कमी आई है और युवा महिलाओं के लिए यह आंकड़ा बढ़ा है।
श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), जो शहरों में काम करने वाले और नौकरी की तलाश करने वाले लोगों की स्थिति को दर्शाती है, वह भी वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के दौरान घटकर 50.1 प्रतिशत रह गई है। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में यह 50.2 प्रतिशत थी। पुरुषों में काम के प्रति अधिक उत्साह देखा गया। उनकी एलएफपीआर पिछली तिमाही के 74.4 प्रतिशत से बढ़कर 74.7 प्रतिशत हो गई। हालांकि, महिलाओं की एलएफपीआर पिछली तिमाही के 25.6 प्रतिशत से घटकर 25.2 प्रतिशत हो गई है।
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