नई दिल्ली. आपने प्रवर्तन निदेशालय (ED) का नाम बीते 3 महीनों में कई बार सुना होगा, वो इसलिए क्योंकि बीते तीनों महीनों में प्रवर्तन निदेशालय ने कई छापेमारी की है. अब मामला चाहे बंगाल में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का हो या शनिवार को कोलकाता के एक कारोबारी के ठिकानों पर छापे का, सभी […]
नई दिल्ली. आपने प्रवर्तन निदेशालय (ED) का नाम बीते 3 महीनों में कई बार सुना होगा, वो इसलिए क्योंकि बीते तीनों महीनों में प्रवर्तन निदेशालय ने कई छापेमारी की है. अब मामला चाहे बंगाल में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का हो या शनिवार को कोलकाता के एक कारोबारी के ठिकानों पर छापे का, सभी में ईडी एक कॉमन फैक्टर है. वैसे ईडी की इन कार्रवाइयों को लेकर राजनीतिक दलों का अपना घमासान छिड़ा हुआ है, लेकिन यहां बात हो रही है इस दौरान पकड़े गए करीब 100 करोड़ रुपये के नकद की, अब सवाल ये उठता है कि घर में कितना गोल्ड और कैश रखना सेफ है? आइए आपको इसके बारे में बताते हैं:
देश में पहले गोल्ड कंट्रोल एक्ट साल 1968 में आया था, जो निश्चित मात्रा से अधिक सोना रखने पर निगरानी रखता था. लेकिन इसे जून 1990 में खत्म कर दिया गया था, जिसके बाद वर्तमान में घर पर गोल्ड रखने की कोई लिमिट नहीं है, बशर्ते आपको इसका वैलिड सोर्स और प्रूफ देना पड़ेगा. लेकिन आय का स्रोत बनाए बिना घर में सोना रखने की लिमिट तय है और अगर आप इस लिमिट से ज्यादा सोना रखते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपका सोना जब्त कर लेगा.
सरकारी नियम के मुताबिक विवाहित महिला 500 ग्राम तक सोना घर में रख सकती है, जबकि अविवाहित महिला 250 ग्राम और विवाहित पुरुष 100 ग्राम सोना अपने घर में रख सकते हैं. इसके लिए संबंधित व्यक्ति को अपनी आय का प्रूफ देने की जरूरत नहीं होगी. इस लिमिट में कोई सोना रखता है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उनका सोना जब्त नहीं करेगा. अगर कोई व्यक्ति इससे अधिक मात्रा में अपने घर में सोना रखता है, तो उसे इसके स्रोत की जानकारी देनी होगी.
घर पर कैश रखने की यूँ तो कोई लिमिट तय नहीं की गई है, लेकिन आपको कैश का स्रोत बताना होगा, आपको बताना होगा कि आपने किस माध्यम से इस पैसे को कमाया है. नए नियमों के मुताबिक घर में रखे कैश का सोर्स बताना जरूरी है, अगर कोई कैश की जानकारी नहीं दे पाता है, तो 137 फीसदी तक उसे जुर्माना भरना पड़ सकता है.
नए नियम के मुताबिक एक वित्त वर्ष में कैश में 20 लाख रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन करने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है. सीबीडीटी के मुताबिक कोई एक साल में 20 लाख रुपये नकद जमा करता है तो उसे पैन और आधार की जानकारी देनी होगी, वहीं ऐसा करने पर 20 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है. वहीं 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश में खरीदारी नहीं की जा सकती, इन सब के अलावा अगर आप किसी को कैश में चंदा देते हैं, तो इसकी लिमिट भी 2 हजार रुपये तय कर दी गई है.