नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक नया पैन सिस्टम पेश किया है, जिसे पैन 2.0 कहा जा रहा है. इस योजना की घोषणा सोमवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है. इस योजना का उद्देश्य सभी सरकारी एजेंसियों के लिए पैन को एक general business identity card के रूप में स्थापित करना है. अब सवाल उठता है कि नया पैन कार्ड पुराने कार्ड से कैसे अलग होगा?
पैन कार्ड की शुरुआत 1972 में हुई थी, और दशकों से करदाता पहचान के रूप में इसका उपयोग किया जाता रहा है. PAN 2.0 एक टेक्निकल दृष्टि से पुराने सिस्टम का अपग्रेड होगा, जो सरकार की डिजिटल इंडिया योजना के अकॉर्डिंग है. केंद्र सरकार इस सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए 1,435 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है. नए पैन कार्ड में क्यूआर कोड लगाया जाएगा. यह पूरी तरह से पेपरलेस और ऑनलाइन सिस्टम पर आधारित होगा. इस QR कोड में लोगों की सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध होगी. PAN 2.0 लागू होने के बाद PAN डेटा वॉल्ट सिस्टम भी अनिवार्य हो जाएगा. इस नई प्रणाली का उद्देश्य करदाताओं को तेज और बेहतर अनुभव प्रदान करना है, जिससे वे अधिक आसानी से और अधिक प्रभावी ढंग से सेवाओं का लाभ उठा सकें।
सोमवार को कैबिनेट फैसले के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ कर दिया था कि अगर आपके पास पहले से ही पैन कार्ड है तो इसे बदलने की जरूरत नहीं है. आपका पुराना नंबर ही मान्य होगा. उन्होंने कहा था कि जिनके पास पुराना पैन कार्ड है, उनका नंबर वही रहेगा. उन्हें बस नया पैन कार्ड बनवाना होगा.इतना ही नहीं, अपग्रेड किए गए पैन में डेटा बिल्कुल सुरक्षित रहेगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इसके लिए पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम बनाया जा रहा है.
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