नई दिल्ली : जॉनसन बेबी पाउडर का निर्माण करने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र सरकार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कंपनी के पाउडर बनाने का लाइसेंस रद्द कर दिया है. FDA ने मुंबई और मुलुंड में जॉनसन्स बेबी पाउडर के मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस […]
नई दिल्ली : जॉनसन बेबी पाउडर का निर्माण करने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र सरकार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कंपनी के पाउडर बनाने का लाइसेंस रद्द कर दिया है. FDA ने मुंबई और मुलुंड में जॉनसन्स बेबी पाउडर के मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस को रद्द कर दिया है. दरअसल यह पाउडर स्टैंडर्ड क्वालिटी पर खरा नहीं उतरा है. कंपनी के बेबी पाउडर के सैंपल मुलुंड, मुंबई, पुणे और नासिक से लिए गए थे.
कई बार जॉनसन कंपनी के प्रोडक्ट को लेकर आरोप लगते आए हैं. इस बार रिपोर्ट में कंपनी के बेबी पाउडर को शिशु की त्वचा के लिए नुकसानदेह बताया गया है. एफडीए द्वारा जारी किये गए प्रेस नोट में जॉनसन बेबी पाउडर के स्टॉक को वापस लेने के लिए भी कहा गया है. FDA के अनुसार प्रशासन ने ड्रग एंड एडमिनिस्ट्रेशन एक्ट, 1940 के तहत फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में पूछा गया है कि कंपनी के विरुद्ध लाइसेंस के निलंबन या रद्द करने जैसी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए?
बता दें, कंपनी ने एक बयान जारी किया है. इस बयान में कहा गया है कि जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया भर के हेल्थ विशेषज्ञों के साइंटफिक विश्लेषण के पीछे मजबूती से खड़ा है. विश्लेषण से इस बात की पुष्टि होती है कि टैल्क-आधारित जॉनसन का बेबी पाउडर सुरक्षित है. कंपनी ने कहा है कि उनके पाउडर से कैंसर नहीं होता है. मालूम हो कि अमेरिकी फॉर्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन कई वर्षों से भारत में अपना बेबी पाउडर बेच रही है. भारतीय बाजार में यह काफी प्रचलित भी है. घरों में छोटे बच्चों के लिए बड़े पैमाने पर इस पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा भी कंपनी कई प्रोडक्ट जैसे शैम्पू, बेबी सोप और बेबी ऑयल भी बेचती है और उनकी बड़ी डिमांड है.
FDA की रिपोर्ट बताती है कि जॉनसन बेबी पाउडर के सैंपल लैब में परीक्षण के दौरान मानक पीएच वैल्यू पर फेल हो गया है. प्रेस नोट में कोलकाता स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला की निर्णायक रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही गई है.रिपोर्ट बताती है कि पाउडर का पीएच वैल्यू तय स्टैंडर्ड के अनुरूप नहीं है. बता दें, पहले भी इस पाउडर के इस्तेमाल को लेकर कैंसर होने का आरोप लगाया गया था. जिसके बाद कंपनी की सेल में भारी गिरावट आई थी.
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