इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन तेजी से करीब आ रही है। एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है।
ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन तेजी से करीब आ रही है। एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है। इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि अब तक दो करोड़ टैक्सपेयर्स अपना आईटीआर भर चुके हैं। पिछले साल 8.18 करोड़ आईटीआर भरे गए थे। यानी अभी छह करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने आईटीआर दाखिल नहीं किया है। इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स से जल्दी से जल्दी आईटीआर भरने को कहा है ताकि आखिरी समय की भीड़ से बचा जा सके। पिछली बार आखिरी दो दिनों में 18 लाख आईटीआर भरे गए थे। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आईटीआर भरने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है।
नौकरी करने वाले लोगों के लिए फॉर्म-16 सबसे अहम दस्तावेज होता है। इसकी मदद से आईटीआर फाइल किया जाता है। यह दस्तावेज किसी भी कर्मचारी को उसकी कंपनी की तरफ से दिया जाता है। इसमें कर्मचारी की सैलरी से टैक्स कटने की पूरी जानकारी होती है और साथ ही दी गई सैलरी की भी जानकारी होती है। आईटीआर में इससे जुड़ी जानकारी प्री-फिल्ड होती है। आपको इसे कन्फर्म करना होता है।
ये फॉर्म आयकर विभाग की तरफ से जारी किया जाता है। इसमें टैक्सपेयर्स की इनकम पर लगे टैक्स की पूरी जानकारी होती है। इसे आयकर विभाग की वेबसाइट से अपना पैन नंबर डालकर निकाला जा सकता है। आप चाहे तो अपने फॉर्म-16 और फॉर्म 26एएस की तुलना भी कर सकते हैं कि दोनों जगह टैक्स डिडक्शन समान है या नहीं।
अगर आपने किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में कोई एफडी कराई या फिर किसी और ब्याज मिलने वाली स्कीम में पैसे जमा किए हैं तो ब्याज से हुई इनकम का सर्टिफिकेट या फिर बैंक स्टेटमेंट भी रखना जरूरी है, ताकि आप उसकी सही जानकारी आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त भर सकें। आप आयकर कानून की धारा 80 टीटीए के तहत 10 हजार रुपये तक की ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
बहुत से टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के लिए कुछ टैक्स सेविंग निवेश करते हैं। जो लोग ये दस्तावेज अपने एम्प्लॉयर को तय समय में नहीं दे पाते हैं, उन्हें आयकर रिटर्न फाइल करते समय इसका प्रूफ देने की जरूरत होती है। ये टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रूफ एलआईसी प्रीमियम की रसीद, पीपीएफ में निवेश की पासबुक, ईएलएसएस का सबूत, दान की रसीद और ट्यूशन फीस की रसीद आदि हो सकती है।
सेक्शन 80डी के तहत आप 25,000 रुपये तक हेल्थ इंश्योंरेस प्रीमियम पर टैक्स की छूट क्लेम कर सकते हैं। ये इंश्योरेंस पॉलिसी आपके लिए, आपके जीवनसाथी और बच्चों के लिए हो सकती हैं। अगर आप सीनियर सिटीजन हैं तो आप 50 हजार रुपये तक हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। तो इन सबकी रसीद भी आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त अपने साथ रखें।