भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद में चीन को पछाड़ते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है। जुलाई 2024 में भारत ने जितना कच्चा तेल आयात किया
नई दिल्ली: भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद में चीन को पछाड़ते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है। जुलाई 2024 में भारत ने जितना कच्चा तेल आयात किया, उसमें 44% हिस्सा रूस का था। चीन की रिफाइनरी कंपनियों ने प्रॉफिट मार्जिन में कमी के कारण रूस से कम तेल मंगवाया, जबकि भारत ने सस्ता तेल खरीदकर अपनी रिफाइनरी कंपनियों को जबरदस्त फायदा पहुंचाया।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जुलाई 2024 में 2.07 मिलियन बैरल प्रति दिन कच्चा तेल आयात किया, जो जून 2024 के मुकाबले 4.2% और पिछले साल की तुलना में 12% अधिक है। वहीं, चीन ने रूस से 1.76 मिलियन बैरल प्रति दिन कच्चा तेल आयात किया।
फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए और उसके तेल-गैस की खरीद पर रोक लगा दी। इस मौके का फायदा उठाते हुए भारत ने रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना शुरू किया। भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने इसे रिफाइन कर ग्लोबल मार्केट में पेट्रोल-डीजल बेचा, जिससे उन्हें भारी मुनाफा हुआ। इससे दुनियाभर में पेट्रोलियम उत्पादों की महंगाई पर भी नियंत्रण पाने में मदद मिली।
रूस के बाद इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात क्रमशः भारत को तेल सप्लाई करने वाले प्रमुख देश हैं। जुलाई में मिडिल ईस्ट से भारत के तेल आयात में 4% की वृद्धि दर्ज की गई।
भारत के लिए अच्छी खबर यह भी है कि रूस से सस्ता तेल खरीदने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड फिलहाल 76.31 डॉलर प्रति बैरल और WTI क्रूड 72.15 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। भारत की इस रणनीति से न केवल घरेलू बाजार को फायदा हुआ है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महंगाई को कंट्रोल करने में मदद मिली है।
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