Income Tax Return ITR Form Changes: यदि आप इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं और आईटीआर फॉर्म में एचआरए, एलटीए और अन्य भत्तों पर गलत बिल लगाकर इनकम टैक्स में छूट पा रहे हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि साल 2019-20 से आयकर विभाग ने फर्जी बिल लगाकर फायदा उठाने वाले टैक्सपेयर्स के खिलाफ सख्ती दिखाई है. सीबीडीटी ने आईटीआर फॉर्म में बदलाव किए हैं. नए आईटीआर फॉर्म में करदाता को सभी भत्तों के बारे में विस्तृत में जानकारी देनी होगी, यदि कोई भी गलती पाई गई तो इनकम टैक्स अधिकारी आपसे पूछताछ कर सकते हैं.
नई दिल्ली. यदि आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान रिइंबर्समेंट यानि प्रतिपूर्ति पाने के लिए फर्जी बिल लगाए हैं तो सावधान हो जाइए. आयकर विभाग के अधिकारी फर्जी बिल जमा कराने के एवज में आपसे पूछताछ कर सकते हैं. साल 2019-20 के लिए आईटी रिटर्न में यदि आपने भत्तों और अन्य रिइंबर्समेंट की गलत जानकारी भरी तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं.
आयकर विभाग का मानना है कि कुछ करदाता अपने अपनी आय की गलत जानकारी दे रहे हैं. कर्मचारी अपने नियक्ताओं को एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) और एलटीए ( लीव ट्रैवल अलाउंस) और अन्य भत्तों के फर्जी बिल बनाकर राशि क्लैम करते हैं और इनकम टैक्स में छूट भी पाते हैं. लेकिन अब से नए इनकम टैक्स रिटर्न, आईटीआर फॉर्म में फर्जी जानकारियों का कंप्यूटर आधारित प्रोग्रामिंग के जरिए पता लगा लिया जाएगा और यदि करदाता के फॉर्म में कुछ भी गलती पाई जाती है तो उससे सवाल किए जाएंगे.
इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक आईटीआर फॉर्म में टैक्सपेयर को भत्ते के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, सीबीडीटी साल 2019-20 के लिए नए आईटीआर फॉर्म लाया है. जिसमें करदाता को सभी तरह के बिल और डॉक्यूमेंट जमा कराने होंगे.
आयकर विभाग का कहना है कि सरकार करदाताओं के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा कर रही है. इसी क्रम में नए आईटीआर फॉर्म में सरकार ने कई और बदलाव किए हैं. टैक्सपेयर को अन्य स्रोतों से आय के बारे में विस्तृत रूप में जानकारी देनी होगी. साथ ही अपने सेविंग अकाउंट, इनकम टैक्स रिफंड और अन्य डिपॉजिट से होने वाली आय के बारे में भी दिखाना होगा.