1 अक्टूबर 2024 से शेयर बाजार, टैक्स और आधार कार्ड से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं। इन बदलावों का असर आपके निवेश और टैक्स पर पड़ेगा।
नई दिल्ली: 1 अक्टूबर 2024 से शेयर बाजार, टैक्स और आधार कार्ड से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं। इन बदलावों का असर आपके निवेश और टैक्स पर पड़ेगा। चलिए, जानते हैं विस्तार से
अगर आप शेयर बाजार में फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग करते हैं, तो 1 अक्टूबर 2024 से आपको ज्यादा सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) देना होगा। अब तक यह 0.1% था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 0.02% कर दिया गया है। इसका मतलब है कि डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग करना अब पहले से महंगा हो जाएगा।
अब अगर कोई कंपनी शेयर बायबैक करती है, तो उस पर भी टैक्स लगेगा। 1 अक्टूबर से शेयर बायबैक करने पर जो मुनाफा होगा, उस पर डिविडेंड की तरह टैक्स देना होगा। कैपिटल गेन या लॉस को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को इसका असर झेलना पड़ेगा।
अगर आपने केंद्र या राज्य सरकार के फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स में निवेश किया है, तो 1 अक्टूबर 2024 से आपको 10% टीडीएस देना होगा। अगर आपके निवेश से 10,000 रुपये से ज्यादा कमाई हो रही है, तो उस पर टीडीएस कटेगा। 10,000 रुपये से कम कमाई पर टीडीएस नहीं कटेगा।
टीडीएस से जुड़े कुछ नियम भी बदल रहे हैं। सेक्शन 19DA, 194H, 194-IB, और 194M के तहत टीडीएस की दरें 5% से घटाकर 2% कर दी गई हैं। ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस को 1% से घटाकर 0.1% कर दिया गया है, जिससे इस सेक्टर में कुछ राहत मिलेगी।
1 अक्टूबर 2024 से पैन कार्ड के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए आधार एनरोलमेंट आईडी की जगह सीधे आधार नंबर देना जरूरी हो जाएगा। पहले आप आधार एनरोलमेंट आईडी से भी इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते थे, लेकिन अब ये प्रावधान हटाया जा रहा है।
इनकम टैक्स से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए ‘डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 2024’ 1 अक्टूबर से लागू होगी। इसका मकसद लंबित टैक्स मामलों को जल्दी से जल्दी निपटाना है।
ये सभी बदलाव 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो जाएंगे, जिनका सीधा असर निवेशकों, व्यापारियों और आम जनता पर पड़ेगा
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