दुनिया की इन 5 बड़ी कंपनियों को हिला चुकी है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, शेयर बाजार में मच गई थी खलबली

जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में

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दुनिया की इन 5 बड़ी कंपनियों को हिला चुकी है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, शेयर बाजार में मच गई थी खलबली

Anjali Singh

  • August 12, 2024 7:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में कई दिनों तक गिरावट देखी गई। हाल ही में, हिंडनबर्ग ने फिर से एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उसने SEBI की मौजूदा चेयरमैन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर भी अनियमितताओं के आरोप लगाए। हालाँकि, SEBI और अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, और सोमवार को बाजार खुलने के बाद कुछ गिरावट के बावजूद बाजार ने खुद को संभाल लिया।

इन 5 बड़ी कंपनियों पर लगे आरोप

1. अडानी ग्रुप (Adani Group)

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे कंपनी की बाजार पूंजी में बड़ी कमी दर्ज की गई।

2. डोर्सी स्क्वायर इंक (Dorsey Square Inc.)

इस कंपनी पर भी हिंडनबर्ग ने गंभीर आरोप लगाए, जिससे उनके शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।

3. निकोला मोटर्स (Nikola Motors)

हिंडनबर्ग ने निकोला मोटर्स पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए, जिसके बाद उनके शेयरों की कीमतों में तेजी से गिरावट आई।

4. लॉर्ड्सटाउन मोटर्स (Lordstown Motors)

इस कंपनी के खिलाफ भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सवाल उठाए गए, जिसके बाद निवेशकों का विश्वास डगमगा गया और शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।

5. ब्लॉक इंक (Block Inc.)

इस कंपनी के व्यापार मॉडल और प्रबंधन को हिंडनबर्ग ने कठघरे में खड़ा किया, जिससे उनके शेयरों में भी भारी गिरावट आई।

हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?

हिंडनबर्ग रिसर्च साल 2017 से सक्रिय है। उसका दावा है कि उसने 2017 से अब तक अमेरिका और विदेशों की लगभग 16 कंपनियों की रिपोर्ट जारी की और उनमें चल रहे वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया। वहीं, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 के बाद से अब तक हिंडनबर्ग ने 30 कंपनियों की रिसर्च रिपोर्ट जारी की है। खास बात यह है कि इन रिपोर्ट्स के जारी होते ही कंपनियों के शेयर औसतन 15% तक गिर जाते हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट्स का असर हमेशा से ही बाजार पर भारी पड़ा है, और इस बार भी इसका असर अलग नहीं था।

 

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