नई दिल्ली. एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के ग्राहक लगातार तीसरे दिन बैंक के मोबाइल ऐप और नेट बैंकिंग सुविधा का उपयोग करने में असमर्थ रहे. सोमवार लगभग 10 बजे से एचडीएफसी बैंक की डिजिटल सेवाएं ठप हैं जिनमें मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग शामिल हैं. बैंक के ग्राहक अपने सवालों के हल ना मिलने पर सोशल मीडिया पर भड़क गए. लोगों ने एचडीएफसी बैंक से समस्या हल होने के समय के बारे में पूछा. बैंक ने ट्वीट करके जानकारी दी, एक तकनीकी गड़बड़ के कारण, हमारे कुछ ग्राहकों को नेट बैंकिंग और मोबाइलबैंकिंग ऐप का इस्तेमाल करने में परेशानी हो रही है. हमारे विशेषज्ञ शीर्ष प्राथमिकता पर इस पर काम कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि हम जल्द ही सेवाओं को बहाल कर पाएंगे.
भारत में एचडीएफसी बैंक को बेस्ट बैंक अवार्ड्स 2019 में ‘सर्वश्रेष्ठ डिजिटल बैंक’ के रूप में मान्यता दी गई थी. एचडीएफसी बैंक के 4.5 करोड़ ग्राहक हैं और उनमें से कम से कम आधे लोग इसके डिजिटल चैनलों का उपयोग करते हैं. माना जा रहा है कि बैंक के पास देश में सबसे अधिक वेतन खाते हैं, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े खुदरा बैंकों में से एक बनाता है. सितंबर के अंत तक, बैंक में 2.9 करोड़ डेबिट कार्डधारक और 1.3 करोड़ क्रेडिट कार्ड खाते थे. मोबाइल ऐप के साथ-साथ नेटबैंकिंग सेवाओं के बंद होने के कारण भारत के सबसे बड़े बैंक को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं निजी क्षेत्र के बैंक के शेयर ने बीएसई पर 0.3 प्रतिशत कम 5 1,260.95 पर कारोबार किया. सोमवार को ये 0.7 प्रतिशत नीचे बंद हुए थे. बीएसई सेंसेक्स ज्यादातर 40,774.44 पर अपरिवर्तित रहा.
लेकिन इन सबके बीच एक सवाल ये भी खड़ा होता है कि यदि भारत के सर्वश्रेष्ठ डिजिटल बैंक के तीन दिन तक के लिए सर्वर ठप पड़े हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी का डिजिटल इंडिया का सपना कैसे साकार हो रहा है? एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया और कैशलेस इंडिया की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े कहे जाने वाले बैंक की सभी डिजिटल सुविधाएं तीन दिन से बंद पड़ी हैं. महीने की शुरूआत में लोगों की सैलेरी आती है. एचडीएफसी बैंक में सबसे अधिक वेतन खाते हैं. ऐसे में महीने की शुरूआत में ही बैंक की डिजिटल सेवा बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है और यहीं कारण है कि लोग डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं.
डिजिटल इंडिया तभी मजबूत होगा यदि सरकारी और प्राइवेट दोनों ही सेक्टर में सॉफ्टवेयर में स्टेबिलिटि हो. यदि तेजी से समस्याओं का सामाधान और समस्याओं को कम करने पर ध्यान दिया जाए तो डिजिटल इंडिया में मजबूती आएगी. साथ ही ग्राहकों को चाहिए की सुविधाएं आसान बनाई जाएं. हालांकि इसके साथ मजबूत सुरक्षा प्रणाली भी बेहद जरूरी है. डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ते इस्तेमाल के साथ हैकिंग की समस्या भी बढ़ रही है. इसी के सुधार की आवश्यकता है.
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