GST Rates Hike: आर्थिक मंदी के इस दौर में केंद्र और राज्य सरकारों के राजस्व में भी कमी आई है. पिछले कुछ महीनों में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) संग्रहण भी कम हुआ है. बुधवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है. इस बैठक में राजस्व में कमी से उबरने के लिए जीएसटी दरों और सेस में बढ़ोतरी का फैसला लिया जा सकता है.
नई दिल्ली. बुधवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है. इस बैठक में मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर की समीक्षा की जाएगी. केंद्र सरकार के राजस्व में कमी आई है जिस कारण राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने में देरी हुई है. बताया जा रहा है कि राजस्व में आई कमी से उबरने के लिए सरकार जीएसटी दरों में बढ़ोतरी का फैसला ले सकती है.
जीएसटी काउंसिल की अध्यक्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है. जिसमें टैक्स दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया जा सकता है.
दूसरी तरफ कई राज्य सरकारें जीएसटी दरों और सेस में बढ़ोतरी का विरोध कर रही हैं. पश्चिम बंगाल ने आर्थिक मंदी से निपटने के लिए सेस दरों में बढ़ोतरी का विरोध कर रही हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार में वित्त मंत्री अमित मित्रा ने निर्मला सीतारमण को पत्र लिख कर कहा है कि आर्थिक मंदी के इस दौर में उपभोक्ता और उद्योग वर्ग काफी मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं. जीएसटी रेट या सेस में बढ़ोतरी के बजाय यदि उद्योगों को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ तरीके ढूंढे जाएं तो ज्यादा बेहतर होगा.
एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जीएसटी मुआवजे का भुगतान किया. केंद्र ने राजस्व में गिरावट के कारण देरी से राज्यों को जीएसटी मुआवजे के रूप में 35,298 करोड़ रुपये की राशि जारी की. सरकारा आंकड़ों के मुताबिक बीते 8 महीनों में जीएसटी कलेक्शन में 40 फीसदी की गिरावट आई है. आर्थिक सुस्ती के इस दौर में ये आंकड़े सरकार के लिए काफी परेशानी खड़ी कर रहे हैं.
फिलहाल जीएसटी काउंसिल ने सभी राज्यों से जीएसटी दरों और सेस में बढ़ोतरी के लिए सुझाव मांगा है. बुधवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी. इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
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