नई दिल्ली: अक्टूबर में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है। दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादक देशों में से एक सऊदी अरब एशिया को बेचे जाने वाले लगभग सभी ग्रेड के कच्चे तेल की कीमतों में कमी करने का फैसला कर सकता है। सऊदी अरब यह कदम मध्य पूर्व के […]
नई दिल्ली: अक्टूबर में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आ सकती है। दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादक देशों में से एक सऊदी अरब एशिया को बेचे जाने वाले लगभग सभी ग्रेड के कच्चे तेल की कीमतों में कमी करने का फैसला कर सकता है। सऊदी अरब यह कदम मध्य पूर्व के बेंचमार्क दुबई में आई गिरावट के कारण उठा सकता है। अगर सऊदी अरब इस दिशा में आगे बढ़ता है तो यह भारत के लिए बहुत अच्छी खबर हो सकती है। सस्ते कच्चे तेल की उपलब्धता के कारण देश की तेल कंपनियां पेट्रोल, डीजल और एटीएफ की कीमतों में कटौती कर सकती हैं।
सऊदी अरब इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में अरब लाइट क्रूड के लिए आधिकारिक बिक्री मूल्य (ओएसपी) में 50 से 70 सेंट प्रति बैरल की गिरावट आने की उम्मीद है। पिछले महीने दुबई की कीमतों में भी इसी तरह का रुझान देखा गया है।
सूत्रों ने बताया कि क्रूड की कीमत में इस तरह की कमी चीन से कम मांग का भी संकेत दे रही है। चीन में रिफाइनिंग मार्जिन कमजोर हुआ है। वहां मैन्युफैक्चरिंग और रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी है। इस वजह से पेट्रोल-डीजल की मांग पर भी असर पड़ रहा है। एक सूत्र ने बताया कि ‘कुल मिलाकर मार्जिन खराब है। चीन में स्थिति और भी खराब है।’ उन्होंने कहा कि आमतौर पर तेल की मांग सितंबर में सबसे अच्छी होती है। लेकिन इस साल क्रूड की मांग में यह निराशा पैदा कर रहा है।
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