नई दिल्ली : यह नवरात्रि भारतियों के लिए शुभ समचार लाया है। पहली बार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। RBI के आंकड़ों के मुताबिक 27 सितंबर 2024 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 12.588 अरब डॉलर की उछाल के साथ 704.885 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। इससे पिछले हफ्ते यह 692.29 अरब डॉलर था। FPI निवेश में भारी बढ़ोतरी की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। भारत के अलावा सिर्फ चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के पास ही 700 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 अक्टूबर 2024 को विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके अनुसार 27 सितंबर 2024 को समाप्त सप्ताह में यह 12.588 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 704.885 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। इस दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में 10.46 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है और यह 616.154 अरब डॉलर हो गया है। वर्ष 2024 में आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में 80 अरब डॉलर से अधिक की वृद्धि देखने को मिली है।
सोने की कीमतों में तेज उछाल के बाद आरबीआई के स्वर्ण भंडार का मूल्यांकन बढ़ा है और यह 2.184 अरब डॉलर बढ़कर 657.96 अरब डॉलर हो गया है। एसडीआर 308 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.54 अरब डॉलर हो गया है। हालांकि, इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में जमा रिजर्व में कमी आई है और यह 71 मिलियन डॉलर घटकर 4.38 बिलियन डॉलर रह गया है।
मार्च 2026 तक रिजर्व 746 बिलियन डॉलर हो जाएगा ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऑफ अमेरिका ने कहा है कि मार्च 2026 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 746 बिलियन डॉलर हो जाएगा। इससे आरबीआई को रुपये में कमजोरी को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पास दूसरे उभरते बाजारों के मुकाबले पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। विदेशी मुद्रा भंडार रखने के मामले में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है।
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