एलपीजी सिलेंडर का रेट हर महीने की पहली तारीख को अपडेट होता हैं. आयल मार्केटिंग कंपनियां संशोधित कीमतें जारी करती हैं. इसका असर आम जनता पर पड़ता है. अब देखना होगा कि 1 फरवरी को बजट के दिन एलपीजी गैस की कीमत बढ़ती है या घटती है. जनवरी में कुछ बदलावों के बाद 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत कम कर दी गई थी.
नई दिल्ली: देश का आम बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे पेश करेंगी. बजट के साथ कई महत्वपूर्ण बदलाव भी होने जा रहे हैं. इसका डायरेक्ट असर आम लोगों की जेब पर पड़ सकता है. खासकर आर्थिक मामलों से जुड़े ये बदलाव आम आदमी के खर्चों में बदलाव लाएंगे. आइए जानते हैं 1 फरवरी से लागू होने वाले बदलावों के बारे में.
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI के तहत होने वाले कुछ लेनदेन में बदलाव करने का फैसला किया है. 1 फरवरी, 2025 से लागू होने वाले इन नए नियमों के तहत, विशेष प्रकार के कैरेक्टर वाले UPI लेनदेन आईडी स्वीकार नहीं किए जाएंगे. अब केवल अल्फा-न्यूमेरिक (अक्षर और अंक) ट्रांजैक्शन आईडी ही मान्य होंगी. यदि किसी लेनदेन में किसी अन्य प्रकार की आईडी शामिल है तो वह विफल हो जाएगा.
एलपीजी सिलेंडर का रेट हर महीने की पहली तारीख को अपडेट होता हैं. आयल मार्केटिंग कंपनियां संशोधित कीमतें जारी करती हैं. इसका असर आम जनता पर पड़ता है. अब देखना होगा कि 1 फरवरी को बजट के दिन एलपीजी गैस की कीमत बढ़ती है या घटती है. जनवरी में कुछ बदलावों के बाद 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत कम कर दी गई थी.
1 फरवरी से एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमत में बदलाव हो सकता है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की 1 तारीख को एटीएफ की कीमतों में संशोधन करती हैं. अगर इस बार कीमतें बढ़ती हैं तो इसका सीधा असर हवाई यात्रियों की जेब पर पड़ेगा.
बढ़ती लागत को देखते हुए देश की प्रमुख कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने 1 फरवरी से अपने विभिन्न मॉडलों की कीमतों में 32,500 रुपये तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है. जिन मॉडलों की कीमतें बदलेंगी. इनमें ऑल्टो के10, एस-प्रेसो, सेलेरियो, वैगन आर, स्विफ्ट, डिजायर, ब्रेजा, अर्टिगा, इग्निस, बलेनो, सियाज, एक्सएल6, फ्रंटएक्स, इनविक्टो, जिम्नी और ग्रैंड विटारा शामिल हैं.
कोटक महिंद्रा बैंक ने अपनी कुछ सर्विस और चार्ज में बदलाव की घोषणा की है. यह 1 फरवरी 2025 से लागू होगा. इनमें बड़े बदलाव एटीएम लेनदेन की मुफ्त सीमा में कमी और अन्य बैंकिंग सेवाओं के शुल्क में बढ़ोतरी हो सकते हैं. इन बदलावों का असर बैंक ग्राहकों पर पड़ेगा और उन्हें इन नई शुल्क संरचनाओं के साथ अपनी बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करना होगा.
Also read…