नई दिल्ली: गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा की है। इन वर्कर्स और उनके परिवारों को अब आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवरेज दिया जाएगा। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने एक इंटरव्यू में बताया कि गिग वर्कर्स को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

प्लेफॉर्म आधारित अर्थव्यवस्था में तेजी

इस योजना का लाभ देने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। जल्दी ही इन वर्कर्स को लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। भारत में गिग और प्लेटफॉर्म आधारित अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। नीति आयोग के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 तक इस क्षेत्र में एक करोड़ से अधिक लोग कार्यरत होंगे और यह संख्या 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। डिलीवरी, राइडशेयरिंग, लॉजिस्टिक्स और पेशेवर सेवाओं जैसे क्षेत्रों में गिग वर्कर्स का योगदान तेजी से बढ़ रहा है।

ई-श्रम पोर्टल पर होगा पंजीकरण

केंद्रीय बजट 2025-26 में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए खास सामाजिक सुरक्षा योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत ई-श्रम पोर्टल पर इनका पंजीकरण होगा, जिसके बाद उन्हें पहचान पत्र दिए जाएंगे। साथ ही, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के अंतर्गत उन्हें स्वास्थ्य बीमा कवर भी मिलेगा। सुमिता डावरा ने बताया कि इस योजना को जल्द ही लागू करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सरकार गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचे पर काम कर रही है। जिसकी प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है।

वर्कस को मिलेगा सीधा लाभ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इस योजना के तहत एक करोड़ गिग वर्कर्स को लाभ पहुंचाने का ऐलान किया था। इस योजना से उबर, ओला, स्विगी और जोमैटो जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स को सीधा मुनाफा होगा। सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के मुताबिक गिग वर्कर वे व्यक्ति होते हैं जो पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी संबंध से बाहर काम करते हैं और विभिन्न प्लेटफॉर्म के जरिए पैसा कमाते हैं।

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