नई दिल्ली: UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट बढ़ने के साथ धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए नियामक ने धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए नई तैयारी की है. इसके लिए UPI ट्रांजेक्शन को PIN की जगह बायोमेट्रिक्स से प्रमाणित करने पर काम चल रहा है.
मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, रिटेल पेमेंट सिस्टम के संचालक (नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) यानी NPCI ने UPI के जरिए भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी की है. UPI के माध्यम से किए गए भुगतान को प्रमाणित करने के लिए अब बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाएगा. बायोमेट्रिक विकल्प जैसे फ़िंगरप्रिंट या चेहरे का प्रमाणीकरण आदि पर विचार किया जा रहा है.
NPCI यूपीआई में बायोमेट्रिक सुविधा शुरू करने के लिए कई स्टार्टअप कंपनियों से बात कर रही है. अब ज्यादातर फोन फिंगरप्रिंट स्कैनर और फेस रिकग्निशन जैसे फीचर्स के साथ आ रहे हैं. NPCI की योजना स्मार्टफोन में मौजूद इन सुविधाओं का उपयोग करके यूपीआई के माध्यम से लेनदेन और भुगतान को सुरक्षित बनाने की है.
वर्तमान में, UPI के माध्यम से भुगतान करने के लिए पिन की आवश्यकता होती है. यूज़र्स 4 या 6 अंकों का पिन बनाते हैं, जिसकी मदद से लेनदेन को प्रमाणित किया जाता है. Google Pay, Paytm और Phone Pay सहित सभी UPI भुगतान ऐप्स के माध्यम से लेनदेन करने के लिए, प्रमाणीकरण के लिए 4 या 6 अंकों का पिन आवश्यक है. बदलाव के बाद पिन की जगह फिंगरप्रिंट या फेस का इस्तेमाल किया जा सकेगा. इससे UPI पेमेंट अब से ज्यादा आसान और सुरक्षित हो जाएगा।
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