नई दिल्ली, लोकसभा में महंगाई पर हुई जोरदार चर्चा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक विपक्ष के सवालों के जवाब दिए. वित्त मंत्री ने माना कि देश में इस वक्त महंगाई है, लेकिन यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जितनी महंगाई थी ये महंगाई उससे कम है. साथ ही उन्होंने महंगाई […]
नई दिल्ली, लोकसभा में महंगाई पर हुई जोरदार चर्चा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक विपक्ष के सवालों के जवाब दिए. वित्त मंत्री ने माना कि देश में इस वक्त महंगाई है, लेकिन यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जितनी महंगाई थी ये महंगाई उससे कम है. साथ ही उन्होंने महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों के बारे में भी सदन को बताया. मंदी के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि भारत में मंदी आने की कोई आशंका नहीं है, इस समय देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है.
सदन में महंगाई पर विपक्ष के सवालों के जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान देश में महंगाई कुल 9 बार डबल डिजिट में रही थी. उन्होंने बाताया कि यूपीए के शासन में 22 महीने तक खुदरा महंगाई दर 9 फीसदी के ऊपर रही थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि विपक्ष का सरकार पर आरोप लगाने से पहले एक बार यूपीए सरकार के आंकड़े को याद कर लेना चाहिए. यूपीए के दौरान 9 से 10 फीसदी तक महंगाई दर पहुंच गई थी, इसलिए कांग्रेस को महंगाई के खिलाफ बोलने का कोई हक़ ही नहीं है.
वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई को कम करने के लिए दलहन और तिलहन पर इम्पोर्ट ड्यूटी कटौती की गई है. वहीं, मसूर दाल पर इम्पोर्ट ड्यूटी 30 फीसदी से घटाकर जीरो कर दिया गया है. स्टील के रॉ मेटेरियल कस्टम ड्यूटी में कटौती की गई है, जिसके बाद घरेलू बाजार में स्टील की कीमतों में गिरावट भी देखी गई है.
लोकसभा में वित्त मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में महंगाई है, लेकिन भारत में सिर्फ खाने-पीने की चीजें महंगी होने से महंगाई बढ़ी है. साथ ही पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी का असर भी महंगाई दर पर दिख रहा है. सरकार लगातार महंगाई को 7 फीसदी से नीचे लाने की कोशिश में लगी है.
आटा, दही, पनीर, पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी लगाने के फैसले पर भी वित्त मंत्री ने जवाब दिया है, बीते दिनों एक बच्ची ने पीएम मोदी को चिठ्ठी लिखकर पेन्सिल रबर के महंगे होने पर शिकायत की थी. इसी पर जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये फैसला विपक्ष शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों की सहमति से ही लिया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों में पहले भी अनाज, पनीर व दही पर 5 फीसदी के दर वैट लगता था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार गरीबों का ध्यान रख रही है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में खाद्यान्न, खाद और ईंधन पर 24.85 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
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