केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 पेश करेंगी. इससे पता चलेगा कि देश की आर्थिक सेहत कैसी है.
नई दिल्ली : इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 का उद्देश्य पिछले वित्त वर्ष में देश के आर्थिक प्रदर्शन का आकलन करना है। इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि विनिर्माण और सेवा जैसे उद्योगों में किस तरह का रुझान चल रहा है और चुनौतियों का समाधान करके विकास को बढ़ावा देने के लिए किस तरह की नीति बनाई जानी चाहिए।
इकोनॉमिक सर्वे एक दस्तावेज है जिसमें देश की अर्थव्यवस्था का विस्तृत विश्लेषण किया जाता है। इसमें कुछ खास क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है। इसे दो भागों में बांटा गया है- पहले भाग में आर्थिक प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है, जबकि दूसरे भाग में शिक्षा, गरीबी और जलवायु परिवर्तन जैसे सामाजिक-आर्थिक मुद्दों का विश्लेषण किया जाता है। इसमें जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति और व्यापार अनुमानों का भी विश्लेषण किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण के दोनों हिस्सों में कृषि और औद्योगिक उत्पादन, बुनियादी ढांचा, रोजगार, मुद्रा आपूर्ति, कीमतें, आयात-निर्यात और विदेशी मुद्रा भंडार जैसे आर्थिक संकेतकों का जिक्र होता है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था कैसी है और किस गति से चल रही है, .
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है और 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा। आर्थिक सर्वेक्षण आमतौर पर बजट भाषण से एक दिन पहले पेश किया जाता है। यानी इसे 31 जनवरी को पेश किया जाएगा।
इकोनॉमिक सर्वे आर्थिक मामलों का विभाग तैयार करता है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है, जबकि बजट से पहले वित्त मंत्री इसे जारी करते हैं।
कहां और कैसे देखें?
आप इसकी लाइव स्ट्रीमिंग संसद टीवी और पीआईबी इंडिया चैनल पर देख सकते हैं। इसके अलावा इसे वित्त मंत्रालय के फेसबुक पेज, लिंक पर भी देखा जा सकता है। लाइव अपडेट के लिए आप वित्त मंत्रालय के आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी नजर रख सकते हैं।
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