Driving License New Rules Update: केंद्र सरकार ने घोषणा कर दी है कि अब ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव किया जाएगा. ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव के साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस में भी बदलाव किया जाएगा. इसके तहत सभी राज्यों में मिलने वाले ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी में बदलाव किया जाएगा. जानें कब से ड्राइविंग लाइसेंस में बदलाव होगा और नया ड्राइविंग लाइसेंस कब से जारी होगा.
नई दिल्ली. Driving License New Rules Update: केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि जल्द ही सभी राज्यों द्वारा जारी किए जाने वाले ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव किए जाएंगे. ये बदलाव पूरे देश में किए जाएंगे. इसके तहत अब वाहन चलाने वालों को मिलने वाले ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, आरसी एक जैसे जारी किए जाएंगे. ये बदलाव 1 अक्टूबर से किए जाएंगे. बदलाव होने के बाद देशभर में जारी होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में छपी जानकारी और इनके रंग सभी समान होंगे.
इस बदलाव की जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. बता दें कि नए नियमों के तहत 1 अक्टूबर 2019 से देशभर में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के आरसी एक जैसे जारी किए जाएंगे. इनके रंग एक जैसे होंगे यानि की ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी एक ही रंग में जारी होगी. दोनों में जानकारियां भी समान दी जाएंगी.
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आंकड़ों के मुताबिक देश में हर रोज लगभग 32,000 ड्राइविंग लाइसेंस, डीएल जारी किए जाते हैं या रीन्यू किए जाते हैं. वहीं आर सी की बात करें तो हर रोज लगभग 43,000 गाड़ियां रजिस्टर या री-रजिस्टर होती हैं जिनकी आरसी जारी की जाती है. अब सभी के लिए डीएल और आरसी एक जैसी जारी की जाएंगी. पुराने वाहनों के लिए भी नए डीएल और आरसी लेने होंगे. इसके लिए केवल 15 से 20 रुपये का खर्च आएगा. दरअसल केंद्र सरकार के ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने ये बदलाव इसलिए किए हैं ताकी ट्रैफिक अधिकारिकों को काम करने में परेशानी ना हो. ट्रैफिक अधिकारियों के लिए ये बेहद आसान हो जाएगा.
बता दें कि नए डीएल और आरसी 1 अक्टूबर के बाद जारी किया जाएगा. इन नए डीएल में माइक्रोचिप और क्यूआर कोड होंगे. इससे ट्रैफिक अधिकारियों को आसानी हो जाएगी क्योंकि पिछले चालान और नियमों के उल्लंघन भी इसमें आसानी से ट्रैफिक अधिकारियों द्वारा देखे जा सकते हैं. क्यूआर कोड के जरिए केंद्रीय ऑनलाइन डाटाबेस से ड्राइवर या वाहन के पिछले रिकॉर्ड को एक डिवाइस के जरिए पढ़ा जा सकेगा. क्यूआर कोड को स्कैन करते ही गाड़ी और ड्राइवर की सारी डिटेल ट्रैफिक अधिकारियों को मिल जाएंगी. इस बारे में केंद्र सरकार ने 30 अक्टूबर 2018 को अधिसूचना जारी करके जानकारी दी थी. साथ ही बताया गया था कि ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पीवीसी आधारित या फिर पोलिकार्बोनेट होंगे.