Cyrus mistry: टाटा से भिड़ने वाला कारोबारी, अंत तक लड़ता रहा अपने हक़ की लड़ाई

मुंबई. टाटा समूह के चेयरमैन और शापूरजी पालोनजी ग्रुप के एमडी रहे अरबपति कारोबारी साइरस मिस्त्री का रविवार को एक सड़क हादसे में निधन हो गया, 54 साल के साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र में पालघर के पास एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई, कारोबार परिवार से ताल्लुक रखने वाले साइरस मिस्त्री के जीवन की […]

Advertisement
Cyrus mistry: टाटा से भिड़ने वाला कारोबारी, अंत तक लड़ता रहा अपने हक़ की लड़ाई

Aanchal Pandey

  • September 4, 2022 5:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई. टाटा समूह के चेयरमैन और शापूरजी पालोनजी ग्रुप के एमडी रहे अरबपति कारोबारी साइरस मिस्त्री का रविवार को एक सड़क हादसे में निधन हो गया, 54 साल के साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र में पालघर के पास एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई, कारोबार परिवार से ताल्लुक रखने वाले साइरस मिस्त्री के जीवन की सबसे अहम घटना Tata Sons का चेयरमैन बनने की ही रही. तकरीबन 4 साल तक देश के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में से एक टाटा ग्रुप के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्हें इस पद से अचानक ही हटा दिया गया, बता दें ये तब हुआ जब उनका परिवार और कारोबारी समूह शापूरजी पालोनजी ग्रुप, टाटा समूह में सबसे बड़ा सिंगल शेयरहोल्डर था.

टाटा ग्रुप के चेयरमैन के पद से हटाया जाना साइरस मिस्त्री के लिए किसी परिवार में होने वाले बंटवारे जैसी थी, क्योंकि वो और उनका परिवार लंबे समय से Tata Group Family का हिस्सा था और उन्हें ऐसा लगा कि अंत में वो अपने परिवार के ही न हो सके. लेकिन साइरस मिस्त्री ने अंत समय तक हार नहीं मानी और आखिर तक अपने हक के लिए लड़ते रहे, साइरस मिस्त्री वो शख्स रहे जो सीधे रतन टाटा तक से भिड़ गए और टाटा के चेयरमैन पद से हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक चले गए.

TATA में इतिहास रचने वाले कारोबारी

आम तौर पर मीडिया की चमक से दूर रहने वाले साइरस मिस्त्री का भारत की आम जनता ने उस समय ही नाम सुना, जब रतन टाटा के समूह के प्रमुख का पद छोड़ने के बाद उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई. Tata Group के 100 साल से ज्यादा के इतिहास में वह दूसरे ऐसे शख्स थे, जिनका सरनेम ‘टाटा’ नहीं था और फिर भी वो ग्रुप चेयरमैन बने थे. इसकी वजह उनके परिवार के टाटा समूह के साथ अच्छे संबंध थे.

 

Congress Rally: राहुल गांधी बोले- ‘नरेंद्र मोदी दो उद्योपतियों के समर्थन के बिना प्रधानमंत्री नहीं बन सकते’

Advertisement