केंद्र सरकार ने कहा कि बारिश से उम्मीदें बढ़ी, आलू ,प्याज और टमाटर की कीमतों में आएगी गिरावट ! Central government said that expectations have increased due to rain, prices of potatoes, onions and tomatoes will fall!
नई दिल्ली: भले ही पिछले महीने उम्मीद से कम बारिश हुई हो, लेकिन जुलाई की शुरुआत से देशभर में अच्छी बारिश हुई है। IMD को उम्मीद है कि इस बार मानसून अच्छा रहेगा. देश में खुदरा महंगाई दर लगातार कम हो रही है, लेकिन खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर ऊंची बनी हुई है. इसके नरम होने से पहले इसमें और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है क्योंकि रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले आलू, प्याज और टमाटर के दाम बढ़ते जा रहे हैं. केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि समय पर मानसूनी बारिश होने से आलू, टमाटर और प्याज जैसी बागवानी फसलों के लिए उम्मीदें बढ़ गई हैं. इससे आने वाले दिनों में तीनों की कीमतों में नरमी आ सकती है।
सरकार ने यह उम्मीद ऐसे वक्त जताई है जब आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें बढ़ी हैं. कंज़्यूमर मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 5 जून 2024 को दिल्ली के थोक बाजार में आलू 2,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रहा था. यह एक साल पहले की तुलना में 67.35 फीसदी ज्यादा है. 5 जून 2023 को आलू का थोक भाव 1225 रुपये था. इसी तरह प्याज की कीमत 2,825 रुपये प्रति क्विंटल है, जो एक साल पहले की कीमत 1,575 रुपये से 79.37 फीसदी ज्यादा है.
टमाटर के मामले में थोक कीमतें एक साल पहले की तुलना में कम हैं। पिछले साल 5 जून को टमाटर का थोक भाव 6,225 रुपये प्रति क्विंटल था. इस साल 5 जून को थोक बाजार में टमाटर 3,600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिका. यानी एक साल पहले की तुलना में कीमतें 42.17 प्रतिशत नरम हैं। हालांकि, खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतें बढ़ने लगी हैं. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण टमाटर की आपूर्ति में बाधा आई है, जिसके कारण कुछ खुदरा बाजारों में टमाटर 80 रुपये प्रति किलो के दाम पर बिक रहा है. पिछले साल खुदरा बाजार में टमाटर 350 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था.
अच्छे मौसम की उम्मीद में सरकार ने बागवानी फसलों की बुआई का लक्ष्य बढ़ा दिया है. इस खरीफ सीजन में टमाटर की बुआई 2.72 लाख हेक्टेयर में होने की उम्मीद है. पिछले साल यह आंकड़ा 2.67 लाख हेक्टेयर था. इसी तरह, खरीफ प्याज की बुआई 3.61 लाख हेक्टेयर में होने की उम्मीद है, जो पिछले साल से करीब 27 फीसदी ज्यादा है. आलू के मामले में खरीफ सीजन की बुआई का लक्ष्य पिछले साल से 12 फीसदी ज्यादा रखा गया है. सरकार को लगता है कि आलू, प्याज और टमाटर की खरीफ फसल के आने से बाजार में कीमतें नियंत्रित होंगी.
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