September 19, 2024
  • होम
  • BCCI डील के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बायजू रविंद्रन, जानें क्या है पूरा मामला

BCCI डील के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बायजू रविंद्रन, जानें क्या है पूरा मामला

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : August 4, 2024, 6:57 pm IST

Byju Raveendran: भारतीय कारोबार जगत का एक अनोखा उदाहरण, कभी एडटेक जगत का चमकता सितारा, अब कई संकटों का सामना कर रहा है। हाल ही में कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से बीसीसीआई (BCCI) के पेमेंट सेटलमेंट की मंजूरी मिल गई थी, जिससे कंपनी पर मंडरा रहा दिवालिया संकट खत्म हो गया था। मगर, अब बायजू रविंद्रन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्हें भय है कि BCCI डील का विरोध कर रहे अमेरिकी क्रेडिटर अब उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।

याचिका से पहले सुनवाई की मांग

बायजू रविंद्रन ने 3 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने अदालत से मांग की है कि यदि ग्लास ट्रस्ट कंपनी (GLAS Trust Company) की ओर से याचिका दाखिल की जाती है तो पहले उनकी सुनवाई की जाए। ग्लास ट्रस्ट ने इस समझौते का विरोध करते हुए NCLAT से कहा था कि यह डील चोरी के पैसों से की जा रही है। मगर, NCLAT ने समझौते को मंजूरी देते हुए दिवालिया प्रक्रिया खत्म करने का आदेश दिया था। ट्रिब्यूनल ने कहा था कि इसके पर्याप्त सुबूत नहीं हैं कि BCCI को दिया जा रहा पैसा ग़ैरक़ानूनी तरीके से कमाया गया था।

हाथ में फिर से आया कंपनी का कंट्रोल

NCLAT के आदेश के बाद बायजू का कंट्रोल फिर से बायजू रविंद्रन के हाथ में आ गया था। इससे पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करते हुए रेजोलुशन प्रोफेशनल की अपॉइंटमेंट कर दी थी। कर्नाटक HC के आदेश के चलते बायजू रविंद्रन अपने पर्सनल एसेट का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं कर सकते हैं, इसलिए उनके भाई रिजू रविंद्रन ने BCCI को 158 करोड़ रुपये का भुगतान किया। रिजू रविंद्रन ने बताया था कि वह अपनी कमाई से यह भुगतान कर रहे हैं। यह पैसा उन्होंने बायजू की पैरेंट कंपनी Think and Learn के शेयर बेचकर कमाया था।

500 करोड़ रुपये गायब करने का आरोप

ग्लास ट्रस्ट कंपनी का बताया कि बायजू रविंद्रन और रिजू रविंद्रन ने लगभग 500 करोड़ रुपये अमेरिका से गायब किए हैं। यह लोग उसी पैसे से BCCI को पेमेंट कर रहे हैं। कंपनी ने NCLAT से मांग की थी कि इस पेमेंट पर रोक लगाई जाए। हालांकि, NCLAT ने कहा था कि यह आरोप आशंकाओं पर आधारित हैं। BCCI ने भी ट्रिब्यूनल से कहा था कि वह अवैध तरीके से कमाए पैसों को कभी नहीं स्वीकारते हैं।

 

ये भी पढ़ें: बैंक कर्मचारियों के लिए 5 दिन का सप्ताह, SBI चेयरमैन ने दी अहम जानकारी

Tags

विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन