सरकार ने रेवेन्यू लीकेज के मामले में सख्ती बरतते हुए नया कदम उठाया है। कई लोग तंबाकू, खैनी, गुटखा, पान मसाला जैसे उत्पादों की
नई दिल्ली: सरकार ने रेवेन्यू लीकेज के मामले में सख्ती बरतते हुए नया कदम उठाया है। कई लोग तंबाकू, खैनी, गुटखा, पान मसाला जैसे उत्पादों की पैकिंग मशीन का उपयोग करते हैं, लेकिन जीएसटी (GST) विभाग के पास इन मशीनों को रजिस्टर्ड नहीं कराते। अब ऐसे कारोबारियों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। यह फैसला एक अप्रैल से लागू हो रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय में रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने इस बात की जानकारी दी है।
इस साल के अंतरिम बजट के बाद पीटीआई से बात करते हुए राजस्व सचिव (Revenue Secretary) संजय मल्होत्रा ने बताया कि तंबाकू विनिर्माण उद्योग में रेवेन्यू लीकेज रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। वित्त विधेयक, 2024 में केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में बदलाव किया गया है, जिसके तहत पंजीकृत नहीं होने वाली प्रत्येक मशीन पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। इसके अतिरिक्त, मानक का अनुपालन न करने पर कुछ मामलों में जब्ती भी होगी।
पिछले साल, जीएसटी काउंसिल (GST Council) की सिफारिश पर, कर अधिकारियों ने तंबाकू निर्माताओं द्वारा मशीनरी को पंजीकृत करने की एक विशेष प्रक्रिया के बारे में अधिसूचना जारी की थी। संशोधन में कहा गया था कि नई पैकिंग मशीनों के साथ-साथ मौजूदा पैकिंग मशीनों और इनकी पैकिंग क्षमता का विवरण फॉर्म जीएसटी एसआरएम-1 में प्रदान किया जाना चाहिए। लेकिन, उस समय कोई जुर्माना शामिल नहीं था।
संजय मल्होत्रा ने बताया कि जीएसटी परिषद ने हाल ही में एक बैठक बुलाई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के उत्पादों के लिए उनकी मशीनों का पंजीकरण होना चाहिए ताकि उनकी उत्पादन क्षमता पर नजर रखी जा सके। पंजीकरण में विफल रहने पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसीलिए वित्त विधेयक में यह प्रावधान किया गया कि मशीनों का पंजीकरण ना कराने पर एक लाख रुपये के आस पास तक का जुर्माना लगेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्य समकक्षों की अध्यक्षता वाली परिषद ने पिछले साल फरवरी में पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को प्रतिबंधित करने पर राज्य के वित्त मंत्रियों के एक पैनल द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। मंत्रियों के समूह (GOT) ने सिफारिश की थी कि राजस्व के पहले चरण के संग्रह को आगे बढ़ाने के लिए पान मसाला और चबाने वाले तंबाकू पर मुआवजा उपकर या सेस लगाने की प्रक्रिया को यथामूल्य से एक विशिष्ट दर-आधारित लेवी में बदला जाना चाहिए।
सरकार ने वित्त विधेयक, 2023 में संशोधन पेश किया, जिसके तहत पान मसाला और तंबाकू के अन्य रूपों पर उनके खुदरा बिक्री मूल्य की उच्चतम दर पर जीएसटी मुआवजा उपकर लागू होगा। इस फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि तंबाकू उत्पाद निर्माताओं द्वारा रेवेन्यू लीकेज को रोका जा सके और जीएसटी के नियमों का सख्ती से पालन किया जा सके।
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